Haryana News: बीजेपी ने हरियाणा की 90 सीटों में से दो पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं. इनमें से नसीम खान को फिरोजपुर झिरका और ऐजाज खान को बीजेपी ने पुनाहना से टिकट दिया है. हरियाणा में 12 सितंबर को सभी प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल कर लिया है.


मोहम्मद ऐजाज खान कांग्रेस में रह चुके हैं और उन्होंने 2019 में कांग्रेस छोड़ दी थी. इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कांग्रेस छोड़ने की वजह बताते हुए एजाज ने कहा, ''मुझे 2019 में कांग्रेस से टिकट मिला था लेकिन जैसे ही मैंने नामांकन दाखिल किया भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मेरा टिकट कटवा दिया और मोहम्मद इलियास को खड़ा किया. मैंने खुद को छला हुआ महसूस किया इसलिए बीजेपी ज्वाइन कर ली.''


जब ऐजाज खान से ये सवाल किया गया कि बीजेपी दूसरे राज्यों में मुस्लिम नेताओं को टिकट नहीं देती है. इस पर उन्होंने कहा कि ये सिर्फ मीडिया की बनाई हुई बात है. दूसरे राज्यों की तो मैं नहीं कह सकता लेकिन मेवात में ये सब नहीं होता है. यहां हम सब भाईचारे के साथ रहते हैं. सुख दुख में हम एक दूसरे के साथ खड़े रहते हैं.


नूंह में पकड़ बनाने का प्रयास
जिन सीटों से एजाज और नसीम को प्रत्याशी बनाया गया है वे मुस्लिम बहुल नूंह जिले में है. बीजेपी ने इससे पहले 2014 और 2019 में भी दो-दो मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था. नसीम का यह दूसरा चुनाव है उन्हें पिछले चुनाव में भी फिरोजपुर झिरका से टिकट दिया गया था. लेकिन उन्हें हार का सामान करना पड़ा था.
 
हरियाणा बीजेपी के सचिव है नसीम
नसीम अहमद 44 साल के हैं और वह दो बार फिरोजपुर झिरका से विधायक रहे हैं. लेकिन तब वह इंडियन नेशनल लोक दल में थे. 2009 और 2014 में उन्हें इनेलो के टिकट से चुनाव जीता था. उन्होंने मामन खान को 2014 में हराया था. हालांकि 2019 में उन्हें इनेलो छोड़कर बीजेपी ज्वाइन की थी. उन्हें फिर से इस सीट से उतारा गया लेकिन उन्हें इस बार मामन खान ने हराया था. जो कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ रहे थे. नसीम हरियाणा बीजेपी के सचिव हैं.


पूर्व मंत्री के बेटे हैं ऐजाज खान
मोहम्मद ऐजाज खान की बात करें तो वह बीजेपी के किसान मोर्चा के एग्जिक्यूटिव मेंबर हैं. वह पूर्व मंत्री चौधरी सरदार खान के बेटे हैं. वह पहले कांग्रेस में रह चुके हैं. 2019 में ही उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की थी. उन्हें उम्मीद थी कि बीजेपी उन्हें टिकट मोहम्मद एजाज खान (56) ने 2019 में कांग्रेस छोड़ दी थी और बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. उन्हें पुनहाना से टिकट मिलने की उम्मीद थी लेकिन बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था. यह सीट  बीजेपी 2019 में कांग्रेस से हार गई थी.


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