Om Prakash Chautala Death: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का शुक्रवार को निधन हो गया. उन्होंने 89 साल की उम्र में गुरुग्राम स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली. इस बीच हम आपको उनके सियासी जीवन से लेकर निजी जीवन के कुछ दिलचस्प किस्सा बता देते हैं. उनका सियासी जीवन कैसा रहा. कैसे वह हरियाणा के मुख्यमंत्री बन गए. 


बात शुरू होती है आजादी के 12 साल पहले जब सन 1935 में हरियाणा के सिरसा में देवीलाल परिवार में एक जनवरी को ओम प्रकाश चौटाला ने जन्म लिया. जन्म के वक्त देवीलाल का परिवार सिरसा में ही रहता था. पिता आजादी के बाद भारतीय राजनीति का हिस्सा बने और भारत के उपप्रधानमंत्री के पद पर अपनी सेवा दी. पिता के डिप्टी पीएम बनते ही ओम प्रकाश चौटाला ने पिता की राजनीतिक विरासत को संभाल लिया और राज्य में राजनीतिक रूप से सक्रिय हो गए.  


किसानों के जमीनी नेता माने जाते थे ओम प्रकाश चौटाला


साल 1996 में जनता दल में फूट पड़ी और चौधरी देवीलाल ने हरियाणा में जनता दल से अलग होकर इंडियन नेशनल लोकदल की स्थापना की. ओम प्रकाश चौटाला फिलहाल इसी इंडियन नेशनल लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. इंडियन नेशनल लोकदल को शुरूआत के दिनों से किसानों की पार्टी माना जाता है. खुद चौधरी देवीलाल और ओम प्रकाश चौटाला किसानों के जमीनी नेता माने जाते थे. यही वजह है कि हरियाणा में उनकी जड़े काफी मजबूत थी. 

ओम प्रकाश चौटाला 5 बने हरियाण के मुख्यमंत्री


चौटाला 1989 में पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने. उनका पहला कार्यकाल करीब छह महीने का था. 2 दिसंबर 1989 से 22 मई 1990 तक मुख्यमंत्री रहने के बाद उन्होंने 1991 में लोकसभा चुनाव भी लड़ा, हालांकि उन्हें यहां कामयाबी नहीं मिली. फिर वक्त आया साल 1999 का देश में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी की सरकार थी और राज्य में बीजेपी की मदद से ओम प्रकाश चौटाला ने एक बार फिर सत्ता की बागडोर संभाली. वह 1999 से 2005 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे. 


बेटे को विरासत में मिली राजनीति


पांच बार राज्य के मुख्यमंत्री पद का शपथ लेने वाले ओम प्रकाश चौटाला के दो बेटे भी हैं. अजय चौटाला और अभय चौटाला. अभय चौटाला राजनीतिक रूप से ज्यादा सक्रिय हैं.


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