(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'अगर आप अनपढ़ हैं तो देश के...', कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने उठाया राजनीति में शिक्षा का मुद्दा
Randeep Surjewala News: कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि शिक्षा की शर्त पहले प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, MP और MLA पर लागू होनी चाहिए. उन्होंने हरियाणा चुुनाव को लेकर भी प्रतिक्रिया दी.
Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल काफी बढ़ी हुई है. इस बीच कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा की राजनीति में शिक्षा का नया मुद्दा उठाया. कैथल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सुरजेवाला ने कहा कि अगर आप अनपढ़ हैं तो देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं, लेकिन हरियाणा में सरपंच तक नहीं बन सकते.
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, ''देश में एक ही बच्चे को एंटायर पॉलिटिकल साइंस की डिग्री मिली हो तो आप देश के प्रधानमंत्री बन सकते हो लेकिन अगर आप अनपढ़ हो तो हरियाणा में सरपंच और जिला परिषद के मेंबर तक नहीं बन सकते.
रणदीप सिंह सुरजेवाला ये भी कहा, ''शिक्षा की शर्त पहले प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, MP और MLA पर लागू होनी चाहिए.'' सुरजेवाला ने ये बयान सरपंचों को कांग्रेस में शामिल करने के दौरान दिया.
हरियाणा चुनाव की तारीख आगे बढ़ने पर क्या बोले सुरजेवाला?
हरियाणा में विधानसभा चुनाव की डेट आगे बढ़ने के सवाल पर रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''चुनाव की तारीख दो-चार दिन आगे बढ़ने से कुछ नहीं होता. बीजेपी खेल के एक रोंधडू बच्चे की तरह है, जिससे खेल नहीं खेला जाता वो षड्यंत्र रचता है.''
बता दें कि निर्वाचन आयोग ने शनिवार (31 अगस्त) को हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख बदल दी. अब राज्य में एक अक्टूबर की जगह 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी. चुनाव आयोग ने इस बदलाव के पीछे तर्क देते हुए कहा है कि बिश्नोई समुदाय के सदियों पुराने त्योहार को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया.
निर्वाचन आयोग ने कहा, ''हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनावों की मतगणना चार अक्टूबर के बजाय अब 8 अक्टूबर को होगी. एक साथ मतदान वाले विधानसभाओं के लिए मतगणना एक ही दिन कराने की निर्वाचन आयोग की परंपरा रही है.
निर्वाचन आयोग ने कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव की तिथि आगे बढ़ाने का निर्णय बिश्नोई समुदाय के मतदान के अधिकार और परंपराओं का सम्मान करने के लिए लिया गया है, जिसने अपने गुरु जम्भेश्वर की याद में 300-400 साल पुरानी परंपरा को बरकरार रखा है.
सुनील रवीश की रिपोर्ट
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