Ranjit Singh Chautala Resigns: हरियाणा में बीजेपी के टिकट बंटवारे के बाद नेताओं की नाराजगी खुलकर सामने आ गई है. कैबिनेट मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. रानिया विधानसभा से बीजेपी द्वारा टिकट नहीं देने से चौटाला नाराज हैं. उन्होंने कहा कि हर हाल में मैं रानिया विधानसभा से चुनाव लड़ूंगा.


बता दें, रणजीत सिंह चौटाला विधानसभा चुनाव में फिर से रानिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन बीजेपी ने उनकी जगह शीशपाल कंबोज को टिकट दे दिया, जिससे नाराज होकर उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. 


रणजीत सिंह चौटाला ने कहा, "बीजेपी ने मुझे डबवाली से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था, लेकिन मैंने ठुकरा दिया. रोड शो दिखाकर अपना शक्ति प्रदर्शन करूंगा." उन्होंने कहा, ''भले ही किसी दूसरी पार्टी से लड़ूं या आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ूं, लेकिन लड़ूंगा जरूर. बता दें कि बुधवार (4 सितंबर) को टिकट बंटवारे के बाद से बीजेपी के पांच बड़े नेता इस्तीफा दे चुके हैं."


कौन हैं रणजीत सिंह चौटाला?
रणजीत सिंह चौटाला पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के भाई और देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के बेटे हैं. पहली बार उन्होंने रोडी विधानसभा से 1987 में लोकदल की टिकट पर चुनाव लड़ा था, वो विधायक बने थे. इसके बाद 1990 में उन्हें हरियाणा से राज्यसभा सांसद के रूप में चुना गया. 2005-2009 में उन्हें हरियाणा राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष का पद संभालने का मौका मिला. रणजीत चौटाला 2019 में रानिया सीट से ही निर्दलीय चुनाव लड़कर जीते थे और बाद में बीजेपी सरकार को समर्थन देकर मंत्री बन गए थे.


अब हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने रणजीत सिंह चौटाला को हिसार से चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश उर्फ जेपी से हार का सामना करना पड़ा. जेपी ने रणजीत सिंह चौटाला को 63,381 वोटों से मात दी थी. जेपी को 48.58 प्रतिशत और रणजीत चौटाला को 43.19 प्रतिशत वोट मिले थे. चौटाला हिसार लोकसभा की 9 में से सिर्फ 3 सीटों पर जीत दर्ज कर पाए थे.


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