Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में मुख्यमंत्री पद को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के भीतर अंदरुनी कलह के बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता राव नरबीर सिंह ने कहा कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं. तीन बार के कैबिनेट मंत्री सिंह ने कहा कि वो अपना वक्त गुरुग्राम में हालात सुधारने में लगाना चाहते हैं. 


गुरुग्राम के बादशाहपुर से विधानसभा चुनाव लड़ रहे राव नरबीर सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘‘मैं मानता हूं कि गुरुग्राम में अभी भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. हमारे यहां सबसे ज्यादा जलभराव होता है, सड़कें खराब हैं और यातायात का संकट है और शहर कूड़े के एक ढेर में तब्दील हो गया है. पिछले पांच वर्ष में शहर न केवल ठप हो गया है बल्कि विकास की गति भी उल्टी हो गयी है.’’


जेजेपी पर निशाना


उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसके लिए गठबंधन को जिम्मेदार ठहराता हूं. हमारे पास 2014 से 2019 तक बहुमत की सरकार थी और कोई भी विकास की गारंटी दे सकता था लेकिन 2019 के बाद से चीजें खराब हो गयीं. जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ हमारा गठबंधन इसके लिए जिम्मेदार है. नागरिक बुनियादी ढांचा विभाग जजपा के पास था और उन्होंने कुछ नहीं किया और लोग निराश हैं कि सत्ता के केंद्र में बीजेपी के होने के बावजूद कोई काम नहीं किया गया.’’


बीजेपी ने 2019 के चुनाव में राव नरबीर सिंह (63) को टिकट देने से इनकार कर दिया था. उन्होंने पिछले महीने घोषणा की थी कि अगर पार्टी ने इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया तो वह कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर इस सीट से चुनाव लड़ेंगे.


मैंने मुख्यमंत्री बनने की कोशिश की थी- बीजेपी नेता


बीजेपी के विधानसभा चुनाव जीतने पर पार्टी के वरिष्ठ नेता राव इंद्रजीत सिंह और अनिज विज के मुख्यमंत्री के पद पर दावा जताने के बारे में पूछने पर नरबीर सिंह ने कहा, ‘‘केंद्रीय नेतृत्व ने पहले ही घोषणा कर दी है कि नायब सैनी मुख्यमंत्री पद का चेहरा हैं. मुझे नहीं लगता कि वे अब इसे बदलेंगे. मैं इसकी दौड़ में नहीं हूं.’’


उन्होंने कहा, ‘‘कई साल पहले मैंने मुख्यमंत्री बनने की कोशिश की थी लेकिन अब मुझे कोई गलतफहमी नहीं है. मैं गुरुग्राम पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं और मैं बस मंत्री पद की दौड़ में हूं.’’


गुरुग्राम को सिंगापुर बनाने के पार्टी के पहले के वादों के बारे में पूछने पर सिंह ने कहा, ‘‘मैंने कभी नहीं कहा कि मैं गुरुग्राम को सिंगापुर बना दूंगा. गुरुग्राम को गुरुग्राम ही रहने दें लेकिन उस हालत में नहीं, जिसमें वह आज है.’’


इस 5.2 लाख से अधिक मतदाताओं वाले निर्वाचन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जलभराव, यातायात जाम, टूटी-फूटी सड़कें और कचरे के ढेर प्रमुख समस्याएं हैं.


गुरुग्राम के बादशाहपुर से विधानसभा चुनाव लड़ रहे राव नरबीर सिंह ने 1987 में वरिष्ठ नेता राव इंदरजीत सिंह को हराया था और वह 26 साल की उम्र में राज्य के सबसे युवा गृह मंत्री बने थे. वह परिवहन, खाद्य एवं आपूर्ति और सहकारिता मंत्री भी रह चुके हैं. वह राज्य में खट्टर सरकार के पहले कार्यकाल में पीडब्ल्यूडी और वन मंत्री भी रहे.


सिंह का मुकाबला इस निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस के वर्धन यादव से हैं. बादशाहपुर के निवर्तमान विधायक राकेश दौलताबाद की पत्नी कुमुदनी दौलताबाद भी चुनावी मैदान में हैं.


दिल्ली-गुरुग्राम के बीच आवाजाही पर बयान


सिंह ने कहा, ‘‘हमें गुरुग्राम में अंदरुनी यातायात से निपटने के लिए कम से कम 20 सिग्नल मुक्त अंडरपास की जरूरत है और जहां तक दिल्ली तक आवाजाही का सवाल है तो धौला कुआं से मानेसर तक एक एलीवेटेड सड़क ही इसका समाधान है.’’ हरियाणा में 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान पांच अक्टूबर को होगा और मतगणना आठ अक्टूबर को होगी.


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