Haryana News: पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर जा रहे आंदोलनकारी किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए हैं. इस बीच किसान दिल्ली जाने के लिए अड़े हुए हैं. उन्होंने शंभू बॉर्डर पर मौजूद कंटीली तारों को हटा दिया और लोहे की कीलों की एक परत को भी हटा दिया है. किसानों की तरफ से रास्ता बनाने की कोशिश की जा रही है ताकि यहां हरियाणा की तरफ से जो प्रबंध किए गए हैं और उसे हटाया जाए और उसमें वे कामयाब होते दिख रहे हैं.
वापस लौटे किसान
पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले और रोके जाने के बाद दिल्ली कूच करने वाले किसान वापस लौट गए हैं. अब मीटिंग करके कल के बारे में रणनीति बताई जाएगी. हालांकि दूसरे किसान अब भी पुलिस के नजदीक हैं.
101 किसानों के जत्थे ने शुक्रवार सुबह दिल्ली कूच शुरू किया लेकिन उन्हें कुछ मीटर बाद ही मल्टीलेयर बैरिकेड से रोक दिया गया था. हरियाणा पुलिस ने किसानों से कहा है कि वे आगे ना बढ़ें. आंदोलन को देखते हुए अंबाला में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 को लागू कर दिया गया है. अंबाला जिला प्रशासन ने एक स्थान पर पांच लोगों के जुटने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
डिप्टी कमिश्नर ने दिए हैं ये आदेश
ये किसान फसलों पर एमएसपी की लीगल गारंटी की मांग को लेकर मार्च कर रहे हैं. किसान यूनियनों के झंडे थामे कुछ किसानों ने सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाई गई लोहे की जाली को घग्गर नदी पर बने पुल से नीचे धकेल दिया. हरियाणा सीमा पर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. डिप्टी कमिश्नर ने अगले आदेश तक पैदल, वाहन या किसी अन्य माध्यम से मार्च ना करने के लिए कहा है.
अपनी मांगों को लेकर यह बोले किसान नेता पंढेर
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, ''हमें शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जाने की इजाजत देनी चाहिए और हमारी मांगों को लेकर हमसे बात करनी चाहिए. किसानों की तरफ से बातचीत का रास्ता खुला हुआ है. हम यह लगातार कह रहे हैं कि अगर सरकार बातचीत की इच्छुक है, तो हमें केंद्र सरकार या पंजाब या हरियाणा के सीएम ऑफिस की चिट्ठी दिखाइए. हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार हमारी मागें मान ले. वे हमें दिल्ली में प्रदर्शन करने की जगह दे. अंबाला में इंटरनेट सेवा बहाल की जानी चाहिए.''
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