Haryana Assembly Election 2024: भारतीय पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने आज (बुधवार 4 सितंबर) दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की है. इसके बाद दोनों पहलवानों के हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चाएं तेज हो गईं.
सूत्रों की मानें तो विनेश फोगाट को कांग्रेस चरखी दादरी सीट और बजरंग पूनिया को बादली विधानसभा सीट से मैदान में उतार सकती है. आखिर ये दोनों सीटें इतनी महत्वपूर्ण क्यों है कि कांग्रेस दोनों खिलाड़ियों को इन सीटों पर उतार रही है. फोगाट चरखी दादरी जिले की ही रहने वाली हैं.
पिछले चुनावों का हाल
बता दें कि 2019 में चरखी दादरी सीट से निर्दलीय सोमबीर सांगवान ने जीत दर्ज की थी. सांगवान को 43,849 वोट मिले थे. वहीं दूसरे स्थान पर जेजेपी के सतपाल सांगवान रहे. उन्हें 29,577 वोट मिले थे. तीसरे स्थान पर बीजेपी की बबीता फोगाट, चौथे पर आरजेपी के सुरेंद्र सिंह और पांचवे स्थान पर मेजर नृपेंद्र सिंह सांगवान रहे थे.
2014 के चुनाव में भी कांग्रेस के उम्मीदवार चौथे स्थान पर रहे थे. तब आईएनएलडी के राजदीप ने जीत दर्ज की थी. वहीं दूसरे स्थान पर सोमवीर सांगवान रहे थे. तीसरे से स्थान पर HJC(BL) के सुरेंद्र सिंह रहे थे.
इसबार कैसी है स्थिति?
अब फिलहाल की स्थिति की बात करें तो निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान कांग्रेस को समर्थन दे चुके है और पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे सुनील सांगवान ने अभी दो दिन पहले बीजेपी जॉइन की है. बबीता फोगाट पहले ही इस सीट पर दावेदारी रखती है.
ऐसे में चरखी-दादरी सीट पर बीजेपी में टिकट को लेकर सियासी संग्राम छिड़ सकता है. बीजेपी इन दोनों में से किसी एक को यहां से टिकट देगी तो जाहिर से बात दूसरे की नाराजगी झेलनी पड़ेगी और इसका असर वोटों पर भी पड़ेगा. इसका फायदा अगर कांग्रेस विनेश फोगाट को चरखी दादरी से मैदान में उतारती है तो उन्हें मिल सकता है.
विनेश फोगाट चरखी दादरी जिले के बलाली गांव की ही रहने वाली है. 100 ग्राम बढ़े हुए वजन की वजह से उन्हें डिस्क्वालीफाई कर दिया गया था. जिसकी वजह से उन्होंने कुश्ती से सन्यास लेने की घोषणा की थी. इसके बाद अभी हाल ही में जब विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक से वापस लौटी तो उनका भव्य स्वागत किया गया था.
विनेश फोगाट की अगर राजनीति में एंट्री होती है तो उन्हें खाप पंचायतों और किसानों के साथ मजबूत रिश्ते का भी बड़ा समर्थन मिल सकता है. जिससे उनकी जीत सुनिश्चित हो सकती है.
बादली सीट पर बजरंग पूनिया ही क्यों?
वहीं दूसरी तरफ बादली विधानसभा सीट से बजरंग पूनिया को मैदान में उतारा जा सकता है. फिलहाल यहां से कुलदीप वत्स विधायक हैं जो कांग्रेस पार्टी से ही हैं. 2019 के चुनावों में बीजेपी के कद्दावर नेता ओ. पी. धनखड़ को कुलदीप वत्स ने 11245 वोटों से मात दी थी. इससे पहले 2014 के चुनाव में ओ. पी. धनखड़ ने निर्दलीय चुनाव लड़ रहे कुलदीप वत्स को हराया था.
कांग्रेस प्रत्याशी नरेश कुमार 2019 में चौथे स्थान पर रहे थे. वहीं पिछले साल कुलदीप वत्स फर्जी डिग्री के आरोपों से घिरे नजर आए थे. ऐसे में इस बार कांग्रेस बादली विधानसभा सीट पर एक मजबूत चेहरे की तलाश में नजर आ रही है. जिसकी वजह से अब माना जा रहा है कि कांग्रेस बजरंग पूनिया को लेकर बादली सीट का दाव खेल सकती है.
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