प्रयागराज, एबीपी गंगा। डॉ. कफील खान पर रासुका लगाए जाने के मामले में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में अंतिम सुनवाई होगी. कफील खान पर नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है. इसी सिलसिले में कफील खान पर अलीगढ़ में मुकदमा दर्ज है. फिलहाल, कफील खान जेल में हैं. उन्हें जेल से छुड़ाने के लिए डॉ. कफील खान की मां ने कोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैबियस कॉरपस) की याचिका दायर की है. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक तुरंत सुनवाई हो रही है. इससे पहले 19 अगस्त को भी इस मामले में सुनवाई हुई थी. जिसमें यूपी सरकार ने अपना पक्ष रखा था.
सरकार के साथ ही अलीगढ़ के डीएम और मथुरा जेल अधीक्षक ने भी हलफनामा दायर किया था. जिसके बाद सरकारी पक्ष ने डॉ. कफील खान पर लगे रासुका को सही बताया था. सरकार ने फिलहाल, डॉ. कफील खान को जेल में ही रखने की सिफारिश की है. हालांकि, उन दिन सुनवाई पूरी नहीं हो सकी. आज इस मामले में अंतिम सुनवाई होगी. जिसके बाद कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है.
तीन महीने और बढ़ी हिरासत
डॉ. कफील खान पर रासुका के तहत मामला दर्ज है. रासुका के चलते उनकी हिरासत अवधि तीन महीने और बढ़ा दी गई है. कफील खान को 13 फरवरी, 2020 को हिरासत में लिया गया था. 6 मई को उनकी हिरासत अवधि 3 महीने के लिए बढ़ा दी गई. जिसके बाद अब दो दिन पहले फिर से कफील खान की हिरासत अवधि को तीन महीनों के लिए बढ़ा दिया गया. अब कफील खान 13 नवंबर तक जेल में रहेंगे.
पत्नी ने पूछा क्यों लगाया रासुका ?
हिरासत अवधि बढ़ाए जाने के आदेश के बाद डॉ. कफील खान की पत्नी डॉक्टर शबिस्ता खान ने वीडियो जारी किया. इसमें उन्होंने पूछा कि उनके पति को किस आधार पर कार्रवाई की गई है. शबिस्ता कहती हैं कि वो आज भी यही पूछती हैं कि उन पर रासुका क्यों लगाया गया है ?.
ऐसे चर्चा में आए थे कफील खान
उल्लेखनीय है कि डॉक्टर कफील खान अगस्त, 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के मामले के बाद चर्चा में आए थे. यहां कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी के चलते बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हो गई थी. तब कफील खान संबंधित वार्ड के नोडल ऑफिसर थे. हालांकि, बाद में इस मामले में उन्हें रिहा कर दिया गया.
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