Himachal Heavy Rain: हिमाचल में बारिश ने मचाई तबाही, 18 लोगों की मौत, 300 से ज्यादा फंसे
Himachal Pradesh Flood: हिमाचल में बारिश की तबाही जारी है अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 300 से ज्यादा लोग अलग-अलग जगह फंसे हुए है. भूस्खलन और बाढ़ के कारण कई सड़कें बंद है.
Himachal News: हिमाचल प्रदेश में सोमवार को लगातार तीसरे दिन भी बारिश का कहर जारी रहा. जहां बीते दो दिन में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन में 18 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा बारिश के चलते अधिकांश जलविद्युत परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं और सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट हो गई है. अकेले शिमला जिले में सोमवार को भूस्खलन ने चार और लोगों की जान ले ली. शिमला के ठियोग उपमंडल में सोमवार सुबह एक मकान में भूस्खलन होने से तीन लोगों की मौत हो गई.
2 दिन में 16 से 17 लोगों की मौत
पुलिस ने बताया कि यह घटना पल्लवी गांव में हुई और मृतकों की पहचान दीप बहादुर, देवदासी और मोहन बहादुर के रूप में हुई है. शिमला शहर के बाहरी इलाके रझाना गांव में भूस्खलन के बाद मलबे में फंसी एक बुजुर्ग महिला का शव रविवार रात को निकाला गया। इससे कुछ घंटे पहले उसकी पोती का शव घटनास्थल से बरामद हुआ था. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य में बारिश के कारण हुई घटनाओं में दो दिन में 16 या 17 लोग मारे जा चुके हैं.
अलग-अलग हिस्सों में फंसे 300 लोग
अधिकारियों ने बताया कि पर्यटन स्थल मनाली में फंसे 20 लोगों को बचा लिया गया है लेकिन अभी भी अलग-अलग हिस्सों में लगभग 300 लोग फंसे हुए हैं. मौसम विभाग ने सोमवार को अत्याधिक बारिश का ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है. इससे एक दिन पहले राज्य में भारी बारिश के चलते जगह-जगह भूस्खलन हुआ, घरों को नुकसान हुआ और लोगों को जान भी गंवानी पड़ी. अधिकारियों ने बताया कि यूनेस्को धरोहर स्थल शिमला-कालका रेल मार्ग पर भूस्खलन के कारण कई स्थानों पर पटरियां अवरुद्ध हो गई है जिसके चलते रेल परिचालन मंगलवार तक निलंबित कर दिया गया है. वहीं, राज्यभर में शैक्षणिक संस्थानों को सोमवार और मंगलवार को बंद रखने का आदेश दिया गया है.
120 से ज्यादा सड़कें अवरुद्ध
भूस्खलन के बाद सोमवार को शिमला शहर से लगभग 16 किमी दूर शोघी के पास शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हो गया. अधिकारियों ने बताया कि जिले में 120 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हैं, जबकि 484 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं. शिमला के पुलिस अधिकारियों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पेड़ों के उखड़ने, छत गिरने और संपत्ति को नुकसान पहुंचने की घटनाएं सामने आ रही हैं. अब तक 10 घर और 20 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
सतलुज नदी का बढ़ा जलस्तर
रामपुर निवासी क्रेशा ने बताया कि सतलुज नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने के कारण उन्हें यह जगह छोड़नी पड़ी. नदी किनारे रहने वाली रवीना ने बताया कि पानी घर में घुस गया है. वहीं, उन्होंने सरकार से बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद की अपील की है. रामपुर में एक गोशाला कर्मी सुलोचना ने कहा, ‘‘हमारी गोशाला बह गई है. आश्रय के लिए जगह नहीं होने से मवेशियों को छोड़ दिया गया है. हम गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि रविवार देर रात ब्यास नदी के जल स्तर में वृद्धि के कारण नागवेइन गांव में फंसे छह लोगों को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 14वीं बटालियन की एक टीम ने रस्सी और क्रेन की मदद से बचाया.
सीएम सुक्खू ने जारी किया वीडियो संदेश
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को सुबह एक वीडियो संदेश जारी कर लोगों से अपील की कि वे भारी बारिश में, खासकर नदियों और नालों के पास जाने से बचें और मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए अगले 24 घंटे सतर्क रहें. उन्होंने सभी विधायकों से अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में रहने और संकट में लोगों की मदद करने के लिए भी कहा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए तीन नंबर जारी किए हैं. उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जानकारी दी कि जल शक्ति विभाग की 4,680 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हो गईं जिससे 323.30 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है.
विभिन्न जगहों पर फंसी 403 बसें
चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर भूस्खलन और बाढ़ के कारण अवरुद्ध है। शिमला-किन्नौर सड़क भी भूस्खलन और चट्टानें गिरने के कारण यातायात के लिए बंद है. मौके पर मौजूद पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी ने बताया कि सभी लोग सुरक्षित हैं और उनके लिए भोजन व जरूरी दवाओं की व्यवस्था कर दी गई है. उन्होंने कहा कि सड़क बहाल होने पर उन्हें स्थिति को देखते हुए गंतव्य तक भेजा जाएगा. भारी बारिश के कारण हिमाचल सड़क परिवहन निगम के 876 बस मार्ग प्रभावित हैं और 403 बसें विभिन्न स्थानों पर फंस गई हैं. हिमाचल प्रदेश में मानसून के दौरान एक जुलाई से नौ जुलाई तक सामान्य 160.6 मिलीमीटर की तुलना में 271.5 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जो 69 प्रतिशत अधिक है.
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