2000 Rupee Currency Note: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का फैसला किया है. बैंक के इस फैसले पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सवाल उठाया है. एबीपी न्यूज को दिए एक खास इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि, 'पहले 'नोटबंदी' अब 'नोटबंद'. 70 साल में जब पहली बार नोटबंदी हुई थी तो पीएम मोदी ने कहा था कि, हम ब्लैक मनी देखने के लिए नोटबंदी कर रहे हैं. उस नोटबंदी से कितनी ब्लैक मनी सामने आई इसको तो जनता को बताना चाहिए था. साथ ही नोटबंदी होने से दो प्रतिशत का नुकसान जीडीपी को हुआ था. इसके साथ ही उसी समय 2000 का नोट चला था, तो क्या ये अर्थशास्त्री राजनीतिक है?'
इस तरह के फैसले से देश को नुकसान
सुक्खू ने आगे कहा कि, इस तरह के फैसले से देश, जनता, प्रदेश और अर्थव्यवस्था को नुकसान होता है. वहीं 2000 के नोट बंद होने से क्या जीडीपी को नुकसान होगा? इस सवाल पर सुक्खु ने कहा कि, ब्लैक मनी रोकने के लिए नोटबंदी की गई थी और ब्लैक मनी नहीं रूकी साथ ही ये और चलन में आ गया है, तो उन्होंने फैसला किया कि अब इसे बंद कर दिया जाए. इसका मतलब सरकार के कहनी और कथनी में फर्क है.
2000 के नोट कब तक रहेंगे सर्कुलेशन में?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का फैसला किया है. हालांकि, ये वैध मुद्रा बनी रहेगी. रिजर्व बैंक ने बैंकों को सलाह दी है कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये के नोट जारी करना बंद कर दें.आरबीआई ने बताया कि 30 सितंबर तक ये नोट वैध मुद्रा (सर्कुलेशन) में बने रहेंगे. यानि कि जिनके पास इस समय 2000 रुपये के नोट हैं, उन्हें बैंक से एक्सचेंज करना होगा. आरबीआई ने कहा कि आप 23 मई से एक बार में 20 हजार रुपये तक के 2 हजार रुपये के नोट बदल या जमा कर सकते हैं. इसके लिए बैंकों को स्पेशल विंडो खोलना होगा.