Drugs Menance in Himachal: विश्व भर में देवभूमि और वीरभूमि के नाम से विख्यात हिमाचल प्रदेश नशे का अड्डा बनता चला जा रहा है. प्रदेश भर में बिछा नशे का जाल हिमाचल पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है. हालांकि लगातार चलाए जा रहे अभियान के चलते पुलिस को खासी सफलता भी मिल रही है. इसकी तस्दीक खुद बीते छह महीनों के आंकड़े कर रहे हैं. हिमाचल प्रदेश पुलिस ने प्रदेश भर के अलग-अलग हिस्सों से बीते छह महीने में ही करीब 50 करोड़ का चिट्टा पकड़ा है. हैरानी की बात है कि इसमें डॉक्टर, पटवारी, क्लर्क, पुलिस के साथ स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं भी शामिल हैं.


एनडीपीएस एक्ट के तहत 1 हजार 230 मामले दर्ज


हिमाचल प्रदेश पुलिस ने 1 जनवरी 2023 से लेकर 30 जून 2023 तक आठ किलोग्राम चिट्टा पकड़ा. बीते छह महीनों में ही एनडीपीएस एक्ट के तहत 1 हजार 230 मामले दर्ज किए गए और इन मामलों में 1 हजार 670 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. गिरफ्तार हुए आरोपियों में एक नाइजीरियन मूल का आरोपी भी शामिल है. हिमाचल प्रदेश पुलिस अब तक 1 हजार 611 पुरुष और 58 महिलाओं को गिरफ्तार कर चुकी है. बता दें कि साल 2019 में एनडीपीएस एक्ट के तहत 1 हजार 439 केस दर्ज किए गए थे. साल 2020 में 1 हजार 538, साल 2021 में 1 हजार 537 और साल 2022 में नशे के 1 हजार 516 मामले दर्ज किए गए थे.


शिमला में चिट्टा तस्करी के सबसे ज्यादा मामले


जून 2023 तक 1 हजार 230 मामलों में से सबसे ज्यादा 628 मामले चिट्टा तस्करी के ही हैं. चिट्टे तस्करी में ही सबसे ज्यादा लोग गिरफ्तार किए जा रहे हैं. आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए, तो सबसे ज्यादा चिट्ठे के मामले जिला शिमला में पकड़े गए हैं. शिमला पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने बताया कि पुलिस ने छह महीने में ही करीब 300 मामले दर्ज किए हैं. इन मामलों में 400 से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने बताया कि नशा तस्करों की चेन को तोड़ने के लिए पुलिस मास्टर प्लान पर काम कर रही है. तस्करों की प्रॉपर्टी को सीज किया गया है. इसके अलावा पुलिस गुप्त सूचनाओं के आधार पर छापेमारी कर नशा तस्करों को लगातार गिरफ्तार करने में लगी हुई है.


हिमाचल सरकार ने केंद्र को भेजा है प्रस्ताव


मार्च महीने में हुए हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान हिमाचल सरकार ने केंद्र को एक प्रस्ताव पारित कर भेजा है. इस प्रस्ताव में एनडीपीएस एक्ट की धाराओं में संशोधन कर इन्हें सख्त बनाने की अपील की गई है. मौजूदा वक्त में एनडीपीएस एक्ट के तहत सजा का प्रावधान बेहद ढीला है. हिमाचल प्रदेश सरकार चाहती है कि एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रावधानों को कड़ा किया जाए, ताकि नशा तस्करों को कानून का भय हो. प्रदेश सरकार चाहती है कि नशीली दवाओं से संबंधित अपराध में सजा पांच साल से बढ़ाकर आजीवन कारावास कर दी जाए. साथ ही नशीले पदार्थों की मात्रा की परवाह किए बिना इस अपराध को गैर-जमानती बनाने की मांग भी की गई है.