अभिषेक सिंघवी की याचिका पर हिमाचल हाई कोर्ट में क्या हुआ? राज्यसभा चुनाव को चुनौती देने से जुड़ा मामला
Abhishek Singhvi News: राज्यसभा चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर हिमाचल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले को हाई कोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ ने सुना.
Himachal Pradesh Rajyasabha Elections: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर लगातार तीसरे दिन सुनवाई हुई. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ ने यह मामला सुना. कोर्ट में याचिकाकर्ता अभिषेक मनु सिंघवी के पक्ष की ओर से दलील पेश की जा रही है.
इससे पहले प्रतिवादी पक्ष राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन के पक्ष की ओर से बहस पूरी कर ली गई है. मामले में अगली सुनवाई अब 27 अगस्त को होगी. गौर हो कि डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने हिमाचल प्रदेश की एक सीट पर हुए राज्यसभा चुनाव में ड्रा ऑफ लॉट्स नियम को चुनौती देते हुए को हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.
एक राज्यसभा सीट पर 27 फरवरी को हुए थे चुनाव
हिमाचल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट पर 27 फरवरी को चुनाव हुआ. नियमों के मुताबिक, विधानसभा के सदस्यों ने राज्यसभा चुनाव की वोटिंग में भाग लिया. सभी 68 विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में वोट डाले. विधानसभा में कांग्रेस का बहुमत होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी हर्ष महाजन ने राज्यसभा सांसद के तौर पर जीत हासिल कर ली. दरअसल, कांग्रेस के छह विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की. इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायकों ने भी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी का साथ दिया.
चूंकि राज्यसभा चुनाव में पार्टी का व्हिप भी लागू नहीं होता. ऐसे में कांग्रेस विधायकों ने खुलकर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट किया. कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीय विधायकों का वोट भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में जाने की वजह से वोटों की संख्या 34-34 हो गई. यानी कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी को भी 34 और भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन को भी 34 वोट मिले.
ड्रॉ ऑफ लॉट्स नियम के तहत पूरा हुआ चुनाव
दोनों पक्षों को 34-34 वोट मिलने के बाद चुनाव आयोग ने यहां राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए ड्ड्रॉ ऑफ़ लॉट्स नियम का इस्तेमाल किया. ड्रॉ ऑफ लॉट्स नियम के तहत दोनों प्रत्याशियों के नाम पर्ची में लिखे गए. इसके बाद नियमों के मुताबिक जिस प्रत्याशी का नाम पर्ची में आया, वह चुनाव हार गया. इसका यही नियम है. जिसका नाम पर्ची में आता है, वह चुनाव हार जाता है.
इस पर्ची में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अभिषेक मनु सिंह का नाम आया और वे चुनाव हार गए. उस समय डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी हार स्वीकार की, लेकिन बाद में उन्होंने इस नियम को चुनौती देते हुए कोर्ट में याचिका दायर की. इसी याचिका पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है.
गौर हो कि हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में मिली हार के बाद डॉ. अभिषेक मनु सिंह भी अब तेलंगाना में कांग्रेस के राज्यसभा चुनाव के प्रत्याशी हैं. 19 अगस्त को उन्होंने हैदराबाद में राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया है.
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