Himachal Pradesh News: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की हिमाचल प्रदेश इकाई ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार को शिक्षा विरोधी करार दिया है. राज्य सरकार को चेतावनी दी गई है कि अगर अपना रवैया न बदला गया, तो आने वाले वक्त में उग्र आंदोलन किया जाएगा.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के घेराव की भी चेतावनी दी है. हिमाचल में विद्यार्थी परिषद की प्रांत मंत्री नैंसी अटल ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में आते ही 600 से ज्यादा शिक्षण संस्थानों को बंद करने का काम किया. इससे दूरदराज इलाकों में उन बच्चों के शिक्षा प्रभावित हुई, जो संघर्ष के साथ अपनी पढ़ाई पूरी करते हैं. शिक्षण संस्थानों के नाम पर भी राजनीति करने का काम किया गया.
विद्यार्थी परिषद का उग्र आंदोलन से भी परहेज नहीं
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की हिमाचल प्रांत मंत्री नैंसी अटल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में लंबे वक्त से स्थाई कुलपति की नियुक्ति नहीं हो पाई है. इसके अलावा मंडी में बने सरदार पटेल यूनिवर्सिटी के साथ भी सरकार भेदभाव कर रही है.
सरदार पटेल यूनिवर्सिटी के दायरे को घटाया जा रहा है. नैंसी अटल ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की तरफ से पूछा कि क्या सरदार पटेल यूनिवर्सिटी को इसलिए अनदेखा किया जा रहा है, क्योंकि वह पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का गृह जिला है. नैंसी अटल ने पूछा कि साल 2024 खत्म होने को है और अब तक नई शिक्षा नीति क्यों लागू नहीं हो सकी है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने अपना रवैया नहीं बदला, तो आने वाले वक्त में विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन से भी परहेज नहीं करेगी.
शिक्षण संस्थानों पर राजनीति हो बंद- ABVP
नैंसी अटल ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का मानना है कि शिक्षण संस्थानों के संचालक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे का हवाला देकर फीस वृद्धि को जायज बताते हैं. इसके लिए सरकारी नीतियां भी जिम्मेदार हैं.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग जहां विश्वविद्यालय को अपने वित्तीय संसाधन जताने के निर्देश दे रहा है. वहीं राज्य सरकारें विश्वविद्यालय को दिए जाने वाले अनुदान में लगातार कटौती कर रही है. मौजूदा वक्त में शिक्षा पर जीडीपी का 4.6 फ़ीसदी से भी कम खर्च किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भी राजनीतिक लाभ के लिए शिक्षण संस्थानों पर राजनीति की जा रही है.
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