Himachal News: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार पर जोरदार निशाना साधा है. मंगलवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी हिमाचल प्रदेश में बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा करने पहुंचे. इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह उनके साथ मौजूद रहे. इस बीच केंद्रीय मंत्री के दौरे से हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नदारद रहे. मुख्य पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया.
'प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने प्रोटोकॉल फॉलो नहीं किया'
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रोटोकॉल के मुताबिक पीडब्ल्यूडी के प्रिंसिपल सेक्रेट्री को केंद्रीय मंत्री के दौरे पर मौजूद रहना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को बार-बार फोन के जरिए प्रिंसिपल सेक्रेटरी से जानकारी लेनी पड़ी. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पूरे दौरे पर स्थिति बेहद अजीब-सी बनी रही. पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय मंत्री के कद को ध्यान में रखते हुए भी प्रिंसिपल सेक्रेटरी को मौके पर मौजूद रहना था. प्रोटोकॉल यह कहता है कि वह केंद्रीय मंत्री के दौरे में रहें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. गौरतलब है कि इससे पहले लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी आरोप लगाए थे कि कुछ अधिकारी उनका कहना नहीं मान रहे हैं. हिमाचल प्रदेश की सीमा पार करते ही उनकी फाइलों को बदला जा रहा है. हालांकि बाद में उन्होंने स्पष्टीकरण देते हुए यह भी कहा था कि उन्हें जो समस्या थी, उससे बातचीत के बाद सुलझा लिया गया.
'किस विवशता में लिया एक्सटेंशन का फैसला?'
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने राम सुभग सिंह को एक साल के एक्सटेंशन देने पर भी सवाल खड़े किए. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे थे. अब मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि आखिर किस दबाव में उन्होंने राम सुभग सिंह की नियुक्ति की है? पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी पूछा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को यह बताना चाहिए कि क्या उन्होंने विवशता में यह निर्णय लिया है?