(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में AIDS की दर 0.11 फीसदी, 57 ART सेंटर्स में होता है मुफ्त इलाज
हिमाचल प्रदेश में एड्स संक्रमण की दर केवल 0.11 फीसदी है. मौजूदा वक्त में हिमाचल प्रदेश में एड्स के 5 हजार 191 एक्टिव मरीज हैं. इतना ही सरकार इन मरीजों को हर महीने आर्थिक मदद भी देती है.
Himachal Pradesh News: हर साल भले ही एड्स (AIDS) के बचाव से जागरूकता के लिए बड़े-बड़े आयोजन किए जाते हैं, लेकिन समाज में इसकी जागरूकता कितनी है. इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एड्स के मरीज समाज के सामने खुलकर अपनी समस्या तक नहीं बता पाते. समाज एड्स के मरीजों को हीन भावना से देखता है. हालाकिं हिमाचल प्रदेश सरकार (Himachal Pradesh Govt) बड़े स्तर पर एड्स से बचाव के लिए जागरुकता अभियान चला रही है.
साथ ही लोगों से समय-समय पर अपना रूटीन चेकअप कराने और एड्स से बचाव के लिए जरूरी उपाय करने की अपील भी की जाती है. हालांकि देश भर से अगर हिमाचल प्रदेश की तुलना की जाए, तो प्रदेश की स्थिति बहुत बेहतर नजर आती है. प्रदेश में एड्स संक्रमण की दर केवल 0.11 फीसदी है. यानी हजार व्यक्तियों में केवल 0.11 फीसदी लोगों को एड्स संक्रमण है. वहीं देशभर में एड्स संक्रमण में महाराष्ट्र का स्थान सबसे ऊपर जबकि हिमाचल प्रदेश का स्थान 27वें नंबर पर है.
हिमाचल में एड्स के 5 हजार 191 एक्टिव मरीज
मौजूदा वक्त में हिमाचल प्रदेश में एड्स के 5 हजार 191 एक्टिव मरीज हैं. इन मरीजों का इलाज हिमाचल प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के कार्यक्रमों तहत करवाया जाता है. हिमाचल प्रदेश में 57 एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी केंद्र के साथ चार मोबाइल वेन की व्यवस्था है. इन थेरेपी केंद्र में मरीज को मुफ्त इलाज की सुविधा है. यही नहीं, सरकार की ओर से एड्स मरीजों के लिए बसों में मुफ्त सफर की सुविधा भी दी गई है. प्रदेश सरकार की ओर से मरीजों को हर महीने 1500 की आर्थिक सहायता भी दी जाती है.
एचआईवी और एड्स में अंतर
अमूमन एचआईवी एड्स का नाम एक साथ लिया जाता है. ऐसे में आम लोगों के बीच भ्रम रहता है कि एचआईवी और एड्स एक ही है, जबकि ऐसा है नहीं. एचआईवी ऐसा वायरस है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम में सफेद रक्त कोशिकाओं पर हमला करता है. एचआईवी पॉजीटिव होने के बाद मरीज के लिए मामूली चोट और बीमारी से उबरना भी मुश्किल हो जाता है. एचआईवी मानवीय शरीर की इम्यूनिटी को कम कर देता है. एचआईवी एक ऐसा वायरस है, जिससे रिकवर होना लगभग असंभव होता है.
एचआईवी का सही इलाज न होने पर एड्स का खतरा
वहीं, एचआईवी से संक्रमित रोगी उस वक्त एड्स से भी पीड़ित हो जाता है, जब वो एचआईवी का सही समय और सही तरीके से इलाज नहीं करवाता. एचआईवी एक व्यक्ति से दूसरे में स्तन के दूध, स्पर्म और खून के सीधे संपर्क में आने से फैलता है.
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