BJP-Congress On Himachal Pradesh Loan: केंद्रीय वित्त पोषण पर चलने वाले हिमाचल प्रदेश में कर्ज के बढ़ते बोझ को लेकर सियासी बयानबाजी का दौर और तेज हो गया है. हिमाचल प्रदेश के दोनों मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और बीजेपी एक-दूसरे पर हमलावर नजर आ रहे है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने बढ़ते कर्ज को लेकर कांग्रेस सरकार (Congress Government) पर हमला साधा है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सत्ता में आते ही कांग्रेस ने कर्ज का रोना शुरू कर दिया है.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार की कार्य शैली की वजह से प्रदेश पर हर दिन 30 करोड़ रुपये का कर्ज चढ़ रहा है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने हमला साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले बड़ी-बड़ी गारंटी दी, लेकिन अब तक एक भी गारंटी पूरी नहीं हो सकी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ओपीएस बहाल तो नहीं कर सकी, लेकिन सीपीएस की नियुक्ति पर जोर दिया गया.
अनुराग ठाकुर पर हिमाचल के मंत्रियों का पलटवार
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के इस बयान पर हिमाचल प्रदेश सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों ने संयुक्त बयान जारी कर पलटवार किया है. शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने अनुराग ठाकुर के इस बयान की निंदा की. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बढ़ते कर्ज के बोझ की वजह पूर्व बीजेपी सरकार की नीतियां हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व में बीजेपी सरकार ने जमकर फिजूलखर्ची की. इस वजह से ही आज हिमाचल प्रदेश पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है.
बीजेपी अंतर्कलह की वजह से विकास पर नहीं दे सकी ध्यान: कांग्रेस
हिमाचल के कैबिनेट मंत्रियों ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से सवाल पूछा कि यह आखिर कैसी डबल इंजन की सरकार थी? जहां हिमाचल प्रदेश लगातार कर्ज के बोझ तले दबता गया और केंद्र सरकार आंखें मूंदें बैठी रहीं. कैबिनेट मंत्री रोहित ठाकुर और अनिरुद्ध सिंह ने हमला साधते हुए कहा कि बीजेपी अपनी अंतर्कलह की वजह से विकास पर ध्यान नहीं दे सकी. उन्होंने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के संबंधों को लेकर कहा कि दोनों नेताओं के बीच सार्वजनिक मंच से अनबन की बातें सामने आती रहीं. कई मौकों पर तो सार्वजनिक मंच से ही पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के बीच शब्द बाण चलते रहे.
'पांच साल तक अपनी कुर्सी बचाने में लगे रहे जयराम ठाकुर'
उन्होंने कहा कि पूरे पांच साल तक जयराम ठाकुर अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने की कोशिश में ही लगे रहे. रोहित ठाकुर और अनिरुद्ध सिंह ने हिमाचल प्रदेश पर बढ़ते कर्ज के बोझ के लिए पूर्व में बीजेपी सरकार के प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया. गौरतलब है कि पूर्व सरकार के सत्ता छोड़ने पर हिमाचल प्रदेश पर 59 हजार 600 करोड़ रुपये का कर्ज था. कांग्रेस ने भी सत्ता में आते ही तीन हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले लिया है.
बढ़ते कर्ज को लेकर क्या सिर्फ होगा वार-पलटवार?
हिमाचल प्रदेश में कमाई के संसाधन कम हैं. प्रदेश पर लगातार बढ़ रहे बोझ की वजह से आम जनता चिंतित है. हालांकि, सियासी दलों को यह चिंता कम ही नजर आती है, क्योंकि दोनों ही दल एक-दूसरे की सरकारों पर कर्ज का बोझ बढ़ाने के आरोप लगाते रहते हैं. अब ऐसे में सवाल यह है कि क्या हिमाचल प्रदेश में कर्ज के बढ़ते बोझ के बीच केवल वार-पलटवार का ही सिलसिला देखने के लिए मिलता रहेगा या सरकार संसाधन जुटाने के लिए कोई पुख्ता रणनीति भी तैयार करेगी.
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