Apple Price in Himachal: हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन की शुरुआत हो चुकी है. मंडियों में सेब की अर्ली वैरायटी के साथ आगाज हो हुआ है. आम लोगों को इस बार सेब का स्वाद चखने के लिए अपनी जेब ढीली करनी होगी. टमाटर के बाद सेब के दामों में भी इजाफे की संभावना है. अर्ली वैरायटी के दामों में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. आने वाले वक्त में जो सेब मार्केट में उतरेगा, उसके दाम भी ज्यादा होंगे.


बेमौसम बारिश-ओलावृष्टि ने किया परेशान
हिमाचल प्रदेश में लगातार हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने फसल को खासा नुकसान पहुंचाया. ओलावृष्टि की वजह से सेब दागी भी हुआ है. इसके अलावा प्रदेश के कई ऊंचाई वाले इलाकों में पर्याप्त बर्फबारी न होने की वजह से उत्पादन भी कम हुआ है. जिला सोलन स्थित नौनी यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर और विकासशील बागवान डिंपल पांजटा की मानें, तो इस बार मार्केट ने 55 फ़ीसदी से 60 फ़ीसदी सेब कम आने की उम्मीद है. डिंपल पांजटा का कहना है कि इस बार बागवानों को अपने सेब के पर्याप्त दाम मिलेंगे. हालांकि रिटेल प्राइस बढ़ने की वजह से आम आदमी को तो सेब का स्वाद चखने के लिए अतिरिक्त पैसे चुकाने ही पड़ेंगे.


सेब के दाम में बढ़ोतरी जारी
बता दें कि अमूमन हर सीजन में तीन करोड़ से चार करोड़ सेब की पेटियां मार्केट में उतरती हैं. इस बार सिर्फ डेढ़ करोड़ पेटी ही मार्केट में आने का अनुमान है. ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सेब की उपलब्धता कम होने के चलते दामों में बढ़ोतरी होनी ही है. मौजूदा वक्त में बढ़ रहे टमाटर के दाम भी उपलब्धता कम होने की वजह से ही बढ़ रहे हैं.


हिमाचल के सेब बागवान को मिलेगा बेहतर दाम
हालांकि हिमाचल प्रदेश के सेब बागवानों वालों के लिए एक अन्य राहत भरी खबर यह भी है कि इस बार जम्मू-कश्मीर के सेब में स्पर बीमारी के चलते उत्पादन कम हुआ है. जम्मू-कश्मीर के मुकाबले हिमाचल प्रदेश में सेब का ज्यादा उत्पादन है. इसके अलावा विदेशी से भी बाजारों में महंगी दर पर पहुंचेगा. ऐसे में हिमाचल प्रदेश की सेब की ज्यादा डिमांड रहने वाली है और इससे सेब बागवानों को खासा फायदा होगा. हालांकि कम बर्फबारी की वजह से हिमाचल प्रदेश के कई ऊंचाई वाले इलाकों में भी कम बर्फबारी की वजह से सेब का उत्पादन काफी कम हुआ है.