Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में सेब खरीद का मुद्दा लगातार गरमाता जा रहा है. दरअसल, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) के नेतृत्व वाली सरकार ने इस साल से मंडियों में सेब को प्रति किलो के हिसाब से बेंचने का फैसला लिया है. यह आढ़तियों को रास नहीं आ रहा है. इसकी वजह यह है कि नई व्यवस्था से आढ़ती नाराज हैं, परिणाम स्वरूप 20 दिनों से किलो के हिसाब से सेब खरीदने के बाद अब आढ़तियों ने हड़ताल का रास्ता अख्तियार कर लिया है.
बागवानी मंत्री कहा आढ़तियों को कड़ा संदेश
इस मसले पर आज बागवानी मंत्री जगत नेगी ने दो टूक साफ कर दिया है कि प्रदेश सरकार ने किलो के हिसाब से सेब बेचने का जो फैसला लिया है, वह किसी भी सूरत में वापस नहीं लिया जायेगा. आढ़तियों को किलो के हिसाब से ही सेब खरीदना होगा, जो भी इसका उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि बागवानों को लूट से बचाया जा सके इसलिए यह फैसला लिया गया है. बागवानी मंत्री ने साफ किया है कि यदि आढ़ती किलो के हिसाब से सेब खरीद नहीं करते तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि आढ़तियों ने अधिक दवाब बनाया तो सरकार प्रभावित मंडियों में बाहरी राज्यों से आढ़ततियों को बुलाएगी और अपने ही उपक्रम एचपीएमसी (HPMC) के माध्यम से भी सेब खरीद करेगी. नेगी ने कहा कि सरकार बागवानों के हितों से पीछे हटने वाली नहीं है.
बागवानों के हित में लिया गया है फैसला
हिमाचल प्रदेश में अभी तक पेटियों में सेब बिकता रहा है. इसमें सेब बागवानों से पेटियों में 32 किलो तक के सेब को सस्ते दाम में ले लिया जाता रहा है. आढ़ती इसे बाद में बाहर जाकर अन्य मंडियों में किलो के हिसाब से बेचते थे. इससे बागवानों को भारी नुकसान और आढ़तियों को बड़ा फायदा हो रहा था. अब सुक्खू सरकार ने बागवानों की मांग को पूरा करते हुए सेब को किलो के हिसाब से बेचने का फैसला किया है और मंडियों में सख्ती करते हुए उल्लंघन करने वाले आढ़तियों पर जुर्माना भी किया. ऐसे में आढ़ती नए-नए बहाने लगाकर इस व्यवस्था को फेल करने में जुटे हैं, लेकिन बागवानी मंत्री ने साफ किया है कि हिमाचल की मंडियों में किलो के हिसाब से ही सेब की बिक्री होगी. बागवानी मंत्री का कहना है कि आढ़ती जगह की कमी होने का हवाला देते हुए अगले साल से इस व्यवस्था को लागू करने के लिए कह रहे हैं. ऐसे में अगर यह व्यवस्था अगले साल से लागू हो सकती है तो इस साल से क्यों नहीं?