No Alcohol and Dowry in Marriage: यूं तो शराब पीने और दहेज के लेनदेन को सामाजिक बुराई माना जाता है. दहेज लेना तो कानूनी रूप से जुर्म भी है. बावजूद इसके शादियों में शराब पीने-पिलाने और दहेज लेने का प्रचलन कम होने का नाम नहीं ले रहा. सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए समाज के लोगों को ही आगे आने की जरूरत पर भी जोर दिया जाता रहा है. अब इस सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए जिला सिरमौर के शिलाई उपमंडल की मानल पंचायत के देमाणा गांव के लोगों ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है.
खशान बिरादरी के महासम्मेलन में फैसला
देमाणा गांव में खशान बिरादरी के महासम्मेलन में यह फैसला लिया गया कि शादी समारोह के दौरान न तो शराब परोसी जाएगी और न ही दहेज का कोई लेनदेन होगा. इस महासम्मेलन में सिरमौर, सोलन, शिमला और पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के जौनसार की खशान बिरादरी के हजारों लोग शामिल हुए थे. महासम्मेलन में पदाधिकारियों और बुजुर्गों ने बिरादरी के इतिहास और उत्थान के बारे में विस्तार से चर्चा की और एकमत से यह फैसला लिया कि समाज इस बुराई को खत्म करने के लिए संयुक्त रूप से प्रभावी कदम उठाएगा. इसके अलावा इस महासम्मेलन में बिरादरी के गरीब परिवार के बच्चों के उत्थान के लिए भी विचार-विमर्श हुआ. बिरादरी के गरीब परिवार के बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने के भरसक प्रयास करने का निर्णय भी इस महासम्मेलन में लिया गया.
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महासम्मेलन में जमकर झूमे लोग
इस महासम्मेलन के बाद बिरादरी के लोग पारंपरिक गीतों पर जमकर झूमते हुए भी नजर आए. पारंपरिक वाद्य यंत्रों की थाप पर लोगों ने जमकर पहाड़ी नाटी डाली. महासम्मेलन में लिए गए इस फैसले की प्रदेश भर में जमकर तारीफ हो रही है. आम जनता इसे सामाजिक बुराई को खत्म करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम के साथ रूढ़िवादी सोच की जड़े काटने वाला भी बता रही है.
सुमरा ग्राम पंचायत ने भी लिया था अहम फैसला
इससे पहले जिला किन्नौर में भी एक ग्राम पंचायत के दौरान शादी समारोह में बढ़ रहे पाश्चात्य सभ्यता के प्रभाव को खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण फैसला लिया गया था. जनजातीय जिला किन्नौर में संस्कृति को बचाने के लिए ग्राम पंचायत सुमरा (Gram Panchayat Sumra) ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया था. ग्राम सभा की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ था कि गांव सुमरा में शादियों में मेहंदी रस्म, जूते छिपाने, केक काटने और शादी में सेहरा बांधने का प्रचलन बंद होगा. इलाके में होने वाली शादियों में मॉडर्न ट्रेंड नहीं अपनाया जाएगा, बल्कि केवल पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार ही शादी समारोह पूरे किए जाएंगे. ग्राम सभा ने यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया था. अपने पारंपरिक रीति-रिवाजों को बचाने के लिए विकास खंड पूह की ग्राम पंचायत सुमरा ने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया था. सुमरा के उप प्रधान छेरिंग ने एबीपी न्यूज को बताया था कि जनजातीय जिला किन्नौर की संस्कृति बेहद समृद्ध है. पिछले कई सालों से देखा जा रहा है कि शादियों में पारंपरिक रीति-रिवाजों को छोड़कर मॉडर्न ट्रेंड जा रहा है. बॉलीवुड के गानों का क्रेज भी यहां बढ़ता जा रहा है. इससे परंपरा पर खतरा मंडरा रहा है. यही वजह रही कि ग्राम पंचायत ने सर्वसम्मति से संस्कृति को बचाने के लिए यह महत्वपूर्ण फैसला लिया.