BBC Documentary Screening in Himachal Pradesh University: बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. अब हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की पूरी तैयारी की गई. लेफ्ट समर्थित छात्र संगठन एसएफआई (SFI) हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने जा रही थी. इस बीच बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को रुकवाने के लिए मौके पर शिमला पुलिस (Shimla Police) पहुंच गई. पुलिस ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी. साथ ही पुलिस ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को रुकवा दिया.
इससे पहले हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया ने बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री दिखाने का ऐलान किया था. गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को शाम छह बजे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पिंक पेटल चौक पर दिखाए जाने की घोषणा की गई थी. इसके लिए एसएफआई की ओर से बकायदा एक पोस्टर जारी किया गया था. लेफ्ट समर्थित छात्र संगठन एसएफआई का आरोप था कि सरकार सेंसरशिप के जरिए आवाज दबाने की कोशिश कर रही है.
एसएफआई का आरोप- लोकतंत्र में आवाज दबाने की कोशिश
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय एसएफआई के इकाई अध्यक्ष हरीश ठाकुर और सचिव सुरजीत कुमार का कहना था कि सरकार तानाशाही रवैया अपनाए हुए है. एक तरफ भारत को विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है, लेकिन सरकार इस सबसे बड़े लोकतंत्र में आवाज दबाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा था कि शाम 6 बजे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीन की जाएगी, ताकि आम छात्र के सामने सच्चाई आ सके. इस बीच हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पदाधिकारी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे थे.
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