Himachal Pradesh News: लंबी नौकरी करने के बाद सम्मान के साथ रिटायर होना किसी भी कर्मचारी के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है. हर कर्मचारी चाहता है कि वह खुशी के साथ अपने जीवन भर के अनुभवों को लेकर रिटायर हो. 31 मई को रिटायर होने जा रहे एएसआई रामलाल ठाकुर भी एक नई खुशी के साथ रिटायर होने जा रहे हैं.


उन्हें विभाग ने रिटायरमेंट से तीन दिन पहले प्रमोशन दिया. रामलाल ठाकुर बतौर एएसआई रिटायर होंगे, लेकिन उन्हें यह प्रमोशन अपने ही विभाग के खिलाफ लड़ाई लड़कर मिला है.


अपने हो विभाग से लड़नी पड़ी लड़ाई


हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर के हरनोड़ा गांव के रहने वाले सब इंस्पेक्टर रामलाल ठाकुर के पदोन्नति के ऑर्डर जारी हुए. उन्होंने 36 साल तक पुलिस विभाग में अपनी सेवाएं दी. दरअसल, साल 2018 में 17 फरवरी के दिन हुए सब इंस्पेक्टर के तौर पर प्रमोट हुए, लेकिन उस वक्त कुछ मामलों का हवाला देकर उनका प्रमोशन रोक दिया गया.


हैरानी कर देने वाला दावा यह है कि ऐसे ही कई केस अन्य कर्मचारियों पर भी चल रहे थे, जिन्हें प्रमोशन दिया गया. इसके बाद रामलाल ठाकुर ने ट्रिब्यूनल कोर्ट में इसे चुनौती दी. जुलाई 2019 में उनके हक में फैसला आया, लेकिन फिर भी विभाग की ओर से होने पदोन्नति नहीं दी गई.


संघर्ष के बाद न्यायलय से मिला न्याय


इसके बाद रामलाल ठाकुर ने न्याय के लिए हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. सितंबर 2023 में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने उन्हें प्रमोट करने के आदेश जारी किया. इसके बाद भी पुलिस विभाग उन्हें प्रमोट करने में देरी करता रहा. अब राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद 28 मई को रामलाल ठाकुर के प्रमोशन के आदेश जारी हुए हैं. अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए रामलाल ठाकुर डीजीपी


डिस्क अवॉर्ड से भी सम्मानित हो चुके हैं. सब इंस्पेक्टर रामलाल ठाकुर के बेटे रोहित ठाकुर का कहना है कि अगर उन्हें समय रहते प्रमोशन दिया गया होता, तो वह इंस्पेक्टर के पद से रिटायर होते. उनसे जूनियर अधिकारी भी प्रमोट होकर इंस्पेक्टर बन चुके हैं. ऐसे में वे इसके लिए भी आने वाले वक्त में न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे.


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