'पालमपुर मामले में राजनीति करना संकीर्ण मानसिकता का उदाहरण', भवानी पठानिया का BJP पर निशाना
Palampur Case: पालमपुर प्रकरण पर बीजेपी और कांग्रेस में वार पलटवार जारी है. विधायक भवानी सिंह पठानिया ने कहा कि दुखद घटना पर राजनीति करना बीजेपी की संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है.
Himachal Politics: पालमपुर की घटना पर हिमाचल प्रदेश की राजनीति गर्म है. बस स्टैंड पर दिन-दिहाड़े हुई घटना के बाद बीजेपी ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किये हैं. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के साथ हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल मोर्चा संभाले हुए हैं. अब राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष और फतेहपुर से विधायक भवानी सिंह पठानिया ने बीजेपी पर पलटवार किया है. उन्होंने पालमपुर की घटना पर दुख जताते हुए बीजेपी को राजनीति नहीं करने की सलाह दी.
पालमपुर की घटना पर राजनीति गर्म
पठानिया ने कहा कि दुखद घटना पर राजनीति करना बीजेपी की संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है. उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. लेकिन बीजेपी नेता पालमपुर प्रकरण पर राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं."
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह से संवेदनशील है और न्याय दिलाने के लिए कार्य कर रही है. उन्होंने बताया कि आरोपी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है. भवानी सिंह पठानिया ने बीजेपी को अपना ट्रैक रिकॉर्ड देखने की सलाह दी.
पठानिया ने बीजेपी पर किया पलटवार
उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि बीजेपी सरकार के कार्यकाल में महिला अपराध की दर सबसे अधिक रही. पठानिया ने कहा, "तत्कालीन जयराम सरकार के कार्यकाल में 1 हजार 755 रेप, अपहरण के 1 हजार 648 और 130 मामले हत्या के रजिस्टर किए गए हैं. पांच साल के कार्यकाल में कुल महिला अपराध के 9 हजार 876 मामले दर्ज किए गए. आंकड़े हिमाचल प्रदेश की किसी भी सरकार के कार्यकाल का रिकॉर्ड है." बता दें कि बीते दिनों पालमपुर में सनकी लड़के ने लड़की पर दराट से हमला किया था. कायराना हमले में लड़की बुरी तरह घायल हुई थी. लड़की का इलाज चंडीगढ़ के पीजीआई में चल रहा है.
ओछी राजनीति नहीं करने की सलाह
भवानी सिंह पठानिया ने कहा, "बीजेपी सिर्फ ओच्छी राजनीति करने में लगी है, जबकि युवाओं के हित बेचकर पिछली बीजेपी सरकार ने सबसे बड़ा गुनाह किया. उन्होंने कहा कि जयराम सरकार के कार्यकाल में भर्ती परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों की सरेआम नीलामी होती रही.
पुलिस भर्ती का पेपर तक बिकने के मामले सामने आये. हमीरपुर कर्मचारी अधीनस्थ चयन आयोग में कई परीक्षाओं के पेपर नीलाम हुए, लेकिन जयराम सरकार ने जानबूझकर आखें मूंद कर रखी." उन्होंने कहा कि इतना बड़ा गुनाह बिना राजनीतिक संरक्षण के संभव नहीं है और पिछली बीजेपी सरकार ने युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को राजनीतिक संरक्षण देने का काम किया.
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