हिमाचल CM सुखविंदर सिंह सुक्खू को सुधीर शर्मा की चुनौती, '...तो खुद लड़ें धर्मशाला उपचुनाव'
Himachal Pradesh Election 2024: धर्मशाला विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी सुधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री को चुनौती दी है. उन्होंने मुख्यमंत्री से धर्मशाला आकर उपचुनाव लड़ने के लिए कहा है.
By-election in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में सातवें और आखिरी चरण में लोकसभा के चुनाव है. यहां चार लोकसभा सीट पर चुनाव के साथ छह विधानसभा क्षेत्र में भी उपचुनाव होने जा रहे हैं. कांग्रेस ने धर्मशाला को छोड़कर सभी सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. इस बीच धर्मशाला उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रत्याशी सुधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को बड़ी चुनौती दे डाली. उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को चुनौती देते हुए धर्मशाला उपचुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया है.
सुधीर शर्मा की CM सुक्खू को खुली चुनौती
वीरभद्र सरकार में शहरी विकास मंत्री रह चुके सुधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को धर्मशाला से खुद चुनाव लड़ने की चुनौती दी है. एबीपी न्यूज के साथ बात करते हुए सुधीर शर्मा ने कहा, ''मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संगठन की ऐसी हालत कर दी है, जिससे इन्हें ढूंढने से भी प्रत्याशी नहीं मिल रहा है. उनकी जन विरोधी नीतियों के कारण आज आम कार्यकर्ताओं का भी सरकार और संगठन से मोहभंग हो गया है. संगठन के लोग भी इस बात को जानते हैं कि आज सरकार में तानाशाही चल रही है और ऐसी तानाशाह सरकार का कोई भी व्यक्ति हिस्सा नहीं बनना चाहता.टट
सत्ता में होने के बावजूद नहीं मिल रहा प्रत्याशी- सुधीर
सुधीर शर्मा ने कहा कि नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है और अभी तक कांग्रेस धर्मशाला से अपना प्रत्याशी ही तय नहीं कर पाई है. ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को चाहिए कि वह खुद आकर यहां से चुनाव लड़ें. इससे उन्हें अपनी जमीनी हकीकत का पता भी चल जाएगा और मुकाबला भी थोड़ा रोचक हो जाएगा. ऐसा प्रदेश के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि सरकार सत्ता में होने के बाद भी उन्हें प्रत्याशी नहीं मिल रहा है. इससे बड़ी शर्म की बात किसी भी मुख्यमंत्री के लिए और कुछ नहीं हो सकती.
अपने पद से इस्तीफा दे दें CM सुक्खू- सुधीर शर्मा
सुधीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को चाहिए कि वह तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दें. वैसे भी उपचुनाव के बाद उनकी सरकार जाने वाली है. इससे बेहतर यही है कि वह पहले ही नैतिकता का परिचय देते हुए त्यागपत्र दे दें. लोकसभा की चारों सीट के अलावा विधानसभा की सभी छह सीटों पर बीजेपी का परचम लहराने वाला है. प्रदेश की जनता मूड बना चुकी है कि तानाशाह सरकार को हर हाल में सत्ता से बाहर करना है.
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