Himachal: CM सुक्खू के घोटाले पर बयान पर पूर्व उद्योग मंत्री का पलटवार, बोले- 'माफी नहीं मांगी तो करेंगे मानहानि का केस'
Mining Scam in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सीएम सुक्खू अनुभवहीन हैं.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में जुलाई-अगस्त के महीने में हुई बारिश ने भारी तबाही मचाई. इस तबाही की एक बड़ी वजह इलीगल माइनिंग को माना गया. सरकार ने आपदा के बाद स्टोन क्रशर को बंद करने का फैसला लिया. जांच के लिए सरकार ने कमेटी गठित की. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि आपदा का एक मुख्य कारक ब्यास बेसिन में इलीगल माइनिंग भी रहा.
इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ब्यास बेसिन में चल रहे 131 क्रेशर में से 63 के पास वैलिड लीज ही नहीं थी. सीएम सुक्खू ने इसके लिए पिछली बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इससे प्रदेश को 100 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ. उन्होंने इसे पूर्व बीजेपी सरकार के दौरान हुआ घोटाला करार दिया.
मुख्यमंत्री को मानहानि के केस की चेतावनी
अब सीएम सुक्खू के इस बयान पर पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने जोरदार पलटवार किया है. बिक्रम सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए. अगर मुख्यमंत्री माफी नहीं मांगते हैं, तो उन्हें मानहानि के केस का सामना करना पड़ेगा. बिक्रम सिंह ने कहा कि सीएम सुक्खू अनुभवहीन हैं. वह किसी और के बताए अनुसार चल रहे हैं और उसी हिसाब से बयान भी दे रहे हैं. बिक्रम सिंह ने कहा कि सरकार हर पीढ़ी और हर सीढ़ी पर गिर रही है. उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री सुक्खू के आज तक का सबसे बड़ा झूठ है.
क्रेशर बंद होने से प्रदेश का नुकसान
पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि बरसात में आई त्रासदी के बाद स्टोन क्रशर पर रोक लगाई गई. जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया. कमेटी गठन में भी पारदर्शिता नहीं बरती गई. उन्होंने कहा कि बिना सोचे-समझे प्रदेश में क्रशर बंद किए गए. इससे विकास कार्यों पर असर पड़ा. पंचायत में विकास कार्य बंद पड़े हुए हैं. इससे प्रदेश को 100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. प्रदेश को तीन महीने में 27 करोड़ रुपये की रालयटी का नुकसान हुआ. जीएसटी, वैट और बिजली चार्ज मिलाकर यह आंकड़ा 100 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. इस नुकसान के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.