MLA Doctor Janak Raj News: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में चिकित्सा का क्षेत्र छोड़ राजनीति की राह पकड़ने वाले डॉक्टर जनक राज ने राज्य सरकार के सामने एक प्रस्ताव रखा है. न्यूरो सर्जरी के स्पेशलिस्ट विधायक डॉक्टर जनक राज ने सरकार से सेवा करते रहने की इजाजत मांगी है. विधायक ने प्रस्ताव रखा है कि सरकार किसी भी सरकारी अस्पताल में उनकी सेवा ले सकती है. इसके बदले में उन्हें न तो कोई तनख्वाह चाहिए और न ही मेहनताना.
हिमाचल प्रदेश के सबसे पिछड़े विधानसभा क्षेत्र भरमौर के सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे विधायक डॉक्टर जनक राज ने 18 अक्टूबर 2022 को विधानसभा चुनाव से पहले अपने पद से इस्तीफा दिया था. डॉ. जनक राज हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में बतौर चिकित्सा अधीक्षक तैनात थे. पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ कर जीत हासिल की.
न्यूरो सर्जरी में 15 साल से अधिक का अनुभव
विधायक डॉक्टर जनक राज की पृष्ठभूमि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से रही है. भरमौर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान भी वे कई लोगों को चिकित्सीय परामर्श देते हुए नजर आए थे. डॉ. जनक राज ने कहा कि उन्हें न्यूरो सर्जरी का 15 साल से अधिक का अनुभव है. वे लंबे समय तक लोगों को सेवाएं देते रहे हैं. पिछड़े इलाके से संबंध रखने की वजह से वे गरीब लोगों की दु:ख-तकलीफ जानते हैं. वे नहीं चाहते कि अपनी प्रैक्टिस किसी निजी अस्पताल में करें.
सरकार की ओर से अभी नहीं मिला कोई जवाब
ऐसे में डॉक्टर जनक राज ने सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क सेवा देने का प्रस्ताव रखा है. डॉ. जनक राज का कहना है कि अभी सरकार की ओर से उन्हें इस बाबत कोई जवाब नहीं मिला है. हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि सरकार इस बारे में कोई सकारात्मक जवाब देगी. हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी हमेशा से खलती रही है.
निपुण डॉक्टरों की सूची में डॉ. जनक राज का नाम
डॉ. जनक राज की गिनती हिमाचल प्रदेश के निपुण चिकित्सकों की सूची में होती है. ऐसे में यदि सरकार उनके प्रस्ताव को स्वीकार करती है, तो इससे आम जनता को फायदा मिलेगा. प्रदेश में चंद ही न्यूरो सर्जन हैं. डॉ. जनक राज उन चंद डॉक्टर में शामिल रहे हैं. फिलहाल चिकित्सक से विधायक बने डॉ. जनक राज को सरकार के जवाब का इंतजार है. यदि सरकार उन्हें इजाजत देती है, तो प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि एक विधायक डॉक्टर के रूप में भी प्रदेश के अस्पताल में सेवा देगा.