Himachal Assembly: बीजेपी ने मुख्यमंत्री और मंत्रियों की कोठी की मरम्मत के खर्चे पर खड़े किए सवाल, CM सुक्खू ने दिया ये जवाब
Himachal Assembly Winter Session: BJP नेता रणधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को घेरते हुए कहा कि एक तरफ वे आर्थिक तंगी का रोना रो रहे हैं. दूसरी तरफ खर्चों को बढ़ावा दे रहे है.
Himachal News: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री और मंत्रियों की कोठी की मरम्मत में 4 करोड़ 30 लाख 25 हजार 678 रुपए की धनराशि खर्च हुई है. यह जवाब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष के सदस्य रणधीर शर्मा की ओर से पूछे गए सवाल पर दिया. विपक्ष के सदस्य रणधीर शर्मा ने कहा कि यह सवाल पिछले साल पूछा था. दो सत्रों से यह सूचना एकत्रित होती रही.
विधायक रणधीर शर्मा ने खड़े किए सवाल
रणधीर शर्मा ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री आर्थिक तंगी का रोना रो रहे हैं और दूसरी तरफ इस तरह के खर्चों को बढ़ावा दिया जा रहा है. दो दिन पहले एक प्रश्न के उत्तर मिला कि विज्ञापन पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं. 11 दिसंबर को जश्न मनाया गया और इसमें भी करोड़ों रुपए खर्च हुए. रणधीर शर्मा ने कहा कि अगर प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुधारना है, तो खुद ही इसकी शुरुआत करनी पड़ेगी.
मरम्मत की पिछली देनदारियां भी शामिल- CM सुक्खू
रणधीर शर्मा के इस प्रश्न के बाद विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि उन्होंने खुद इस एग्जामिन किया है. करीब 2.5 करोड़ रुपए की राशि पिछली लायबिलिटी ही है. इसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जवाब देते हुए कहा कि इस 4 करोड़ 30 लाख रुपए की राशि में पिछली देनदारी भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि यह रूटीन के खर्च होते हैं. कहीं पर भी बिल्डिंग की रिपेयर की बात हो, तो उसे करना पड़ता है. यह कोई कांग्रेस पार्टी के नेताओं के नहीं हो रहा है.
हर सरकार के मंत्री करवाते हैं मरम्मत
यह रकम मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ओक ओवर, उप मुख्यमंत्री के सरकारी आवास याट्स पैलेस, कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार के सरकारी आवास क्रिस्टन हॉल, हर्षवर्धन चौहान के सरकारी आवास याट्स पैलेस, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के सरकारी आवास ग्रॉट लॉज, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के सरकारी आवास याट्स पैलेस, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के आवास फॉरेस्ट लॉज व लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के सरकारी आवास याट्स पैलेस पर खर्च हुई है. यहां यह उल्लेखनीय है कि सत्ता परिवर्तन के बाद जो भी सरकार कामकाज संभालती है, उसके मंत्री सरकारी आवासों में अपनी पसंद के बदलाव करते हैं. इसमें सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से पैसा खर्च किया जाता है. कर्ज में डूबे प्रदेश में कोई भी सरकार इस खर्च से पीछे नहीं रहती.
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