Himachal Pradesh News: ब्रिटिश शासन काल के दौरान देश की ग्रीष्मकालीन राजधानी रही शिमला में पूर्वजों का निशान खोजने इंग्लैंड से बुजुर्ग दंपती पहुंचा है. बता दें कि शिमला में आज भी आजादी से पहले के जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड मौजूद है. पूर्वजों के जन्म और मृत्यु की जानकारी लेने अमूमन इंग्लैंड से लोग शिमला आते हैं. शुक्रवार को इंग्लैंड से दंपती साइमन और सेली दादा और पिता के जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र लेने शिमला पहुंचा.


दादा और पिता का प्रमाण पत्र पाने में शिमला के इतिहासकार सुमित राज वशिष्ठ ने इंग्लैंड से आए दंपती की मदद की. सुमित राज इंग्लैंड के दंपती को नगर निगम शिमला की स्वास्थ्य शाखा में ले गए. रिकॉर्ड चेक करने के बाद दादा और पिता का जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र का विवरण मिल गया. नगर निगम कर्मचारियों ने पूर्वजों के प्रमाण पत्र जारी कर दिए.


पूर्वजों का निशान खोजने इंग्लैंड से आया दंपती


साइमन बीट इंग्लैंड से पत्नी सेली के साथ रिकॉर्ड लेने पहुंचे थे. रिकॉर्ड से पता चला है कि साइमन बीट के पिता के ताऊ विलियम लिटरस्टर शिमला नगर निगम में शासक पद पर तैनात थे. 27 नवंबर 1930 को मौत के बाद संजौली की कब्रगाह में विलियम को दफनाया गया.


साइमन बीट के पिता सिरिल बीट का जन्म भी शिमला में ही हुआ था. सिरिल बीट की तैनाती शिमला में सेशन जज के पद पर थी. साइमन बीट ने बताया कि नगर निगम के रिकॉर्ड चेक करने पर 2 जुलाई 1916 को जन्मे सिरिल बीट का विवरण मिल गया. नगर निगम कर्मचारियों ने दंपती को प्रमाण पत्र जारी कर दिए.




इतिहासकार सुमित राज वशिष्ठ ने की मदद


इंग्लैंड से आए दंपती साइमन और सेली की मदद करने वाले इतिहासकार सुमित राज वशिष्ठ ने बताया कि दंपती पूर्वजों की कब्र की तलाश में शिमला आया था. शिमला में अंग्रेजों की पैदाइश और कब्रों का रिकॉर्ड उपलब्ध है. साल 2005 में उन्होंने शिमला वॉक्स विद सुमित की शुरआत की. सुमित राज परिवार की जड़ें खोजने में कई अंग्रेजों की है. उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इंग्लैंड से आने वाले लोगों को पूर्वजों की जानकारी जुटाने में मदद करते रहेंगे.


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