(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Himachal Cabinet Expansion: दिल्ली दरबार में CM सुक्खू, क्या अब खत्म होगा मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार?
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह दिल्ली प्रवास पर हैं. दिल्ली जाते ही प्रदेश में एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट तेज हो गई है. मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे ने संभावित मंत्रियों की धुकधुकी बढ़ा दी है.
CM Sukhu in Delhi: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली दौरे पर हैं. इस दौरान उनका केंद्रीय आलाकमान के साथ मिलने की योजना है. इसके अलावा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर सकते हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के दिल्ली प्रवास के बाद से ए बार फिर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट तेज हो गई है. मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे ने संभावित मंत्रियों की धुकधुकी भी बढ़ा दी है.
मल्लिकार्जुन खरगे से मिले CM सुक्खू
मंगलवार शाम सात बजे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे से मुलाकात की. इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और मलिकार्जुन खरगे के बीच कई संगठनात्मक मुद्दों को लेकर चर्चा हुई. अब लोकसभा चुनाव के लिए एक साल से भी कम का वक्त रह गया है. ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार को भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. मौजूदा वक्त में सुक्खू मंत्रिमंडल में भारी क्षेत्रीय असंतुलन है. ऐसे में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए सरकार को मंत्रिमंडल विस्तार करना ही होगा. इसके अलावा कांग्रेस बीते तीन चुनावों का इतिहास भी दोहराने की कोशिश में लगी हुई है. कांग्रेस ने साल 2021 में उपचुनाव, साल 2022 में विधानसभा चुनाव और 2023 में नगर निगम चुनाव में जीत हासिल की है. अगर साल 2019 के लोकसभा चुनाव के परिणामों पर नजर डालें, तो कांग्रेस की राह आसान नहीं रहने वाली है.
यह हैं मंत्री पद के दावेदार
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार में फिलहाल तीन मंत्री पद खाली पड़े हुए हैं. फिलहाल मुख्यमंत्री समेत मंत्रिमंडल में नौ सदस्य हैं. तीन पदों पर कई विधायकों के नाम आगे चल रहे हैं. इनमें सुधीर शर्मा, राजेश धर्माणी, राजिंदर राणा, यादविंदर गोमा और संजय रतन के नाम शामिल हैं. यही नहीं, अभी विधानसभा उपाध्यक्ष और मुख्य सचेतक के भी पद खाली हैं. ऐसे में संभावित विधायकों को अपनी नियुक्ति का इंतजार है. जानकार भी मानते हैं कि अगर इसी तरह सरकार विस्तार में देरी करती रही, तो इससे असंतोष भी बढ़ सकता है. जो आने वाले वक्त में पार्टी के लिए परेशानी का सबब बनेगा.