Himachal Pradesh News: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए औद्योगिक विकास योजना के लिए 1,164.53 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन को बुधवार को मंजूरी दी. साल 2028-29 तक 774 पंजीकृत इकाईयों के लिए औद्योगिक विकास योजना-2017 के तहत प्रतिबद्ध देनदारियों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त कोष की आवश्यकता थी. अतिरिक्त कोष इसलिए मंजूर किया गया है क्योंकि, अप्रैल 2017 से मार्च, 2022 के दौरान 131.90 करोड़ रुपये का कुल वित्तीय परिव्यय समाप्त हो गया है.


योजना के तहत 774 इकाईयां पंजीकृत थीं


आधिकारिक बयान के अनुसार, 2028-2029 तक प्रतिबद्ध देनदारियों को पूरा करने के लिए 1,164.53 करोड़ रुपये के अतिरिक्त कोष की आवश्यकता है. इस अतिरिक्त वित्तीय परिव्यय के आवंटन के लिए औद्योगिक विकास योजना-2017 के तहत मंत्रिमंडल की मंजूरी मांगी गई थी. इस फैसले के संबंध में मीडिया को जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि, योजना के तहत 774 इकाईयां पंजीकृत थीं और अतिरिक्त धनराशि उन्हें दी जाएगी. इन इकाईयों ने करीब 49,000 रोजगार के सृजन में मदद की है.


किसी नए पंजीकरण की अनुमति नहीं 
सरकार इन दोनों राज्यों में निवेश के लिए कंपनियों को योजना के तहत प्रोत्साहन प्रदान करती है. इन प्रोत्साहनों में ऋण और बीमा तक पहुंच शामिल है. ये इकाईयां व्यावसायिक उत्पादन/परिचालन शुरू होने की तारीख से अधिकतम पांच साल के लिए भवन व संयंत्र और मशीनरी के बीमा पर 100 प्रतिशत बीमा प्रीमियम की प्रतिपूर्ति के लिए भी पात्र हैं. योजना के तहत किसी नए पंजीकरण की अनुमति नहीं है. राज्य को इस योजना में 215 दावे आनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्राप्त हुए हैं. इनमें से 101 दावों को राज्य स्तरीय समिति द्वारा स्वीकृति दी गई है। इनमें से 46 इकाईयों को आर्थिक सहायता दी जा चुकी है. केंद्र द्वारा मंजूर धनराशि से 2028-29 तक प्रतिबद्ध देनदारियों को पूरा किया जाएगा.


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