Chaitra Navratri 2024: शिमला का 201 साल पुराना कालीबाड़ी मंदिर, जहां नतमस्तक हो गई थीं यूक्रेन की महिलाएं
Kali Bari Mandir Shimla: आज चैत्र पक्ष की शुक्ल प्रतिपदा है. शिमला के मशहूर कालीबाड़ी मंदिर में भी सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी हुई है. मंदिर की स्थापना साल 1823 में हुई थी.
Happy Navratri 2024: आज चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा है. माना जाता है कि आज ही के दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी. आज ही के दिन हिंदू अपना नव वर्ष भी मानते हैं. पूरे भारतवर्ष में हिंदू नव वर्ष की धूम देखने के लिए मिल रही है. हिमाचल प्रदेश में भी बेहद हर्ष और उल्लास के साथ इस दिन को मनाया जा रहा है.
शिमला के मशहूर कालीबाड़ी मंदिर में भी सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी हुई है. शिमला के कालीबाड़ी मंदिर की स्थापना साल 1823 में हुई थी. यह मंदिर 201 साल पुराना है. यहां 10 महाविद्याओं के चित्र भी लगाए गए हैं.
शिमला का सुप्रसिद्ध कालीबाड़ी मंदिर समस्त भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है. मंदिर के मुख्य पुजारी मुक्ति चक्रवर्ती ने बताया कि रूस-यूक्रेन का युद्ध छिड़ने के बाद यहां यूक्रेन की दो महिलाओं ने पहुंचकर मां के सामने रोते हुए विश्व शांति की कामना की थी.@ABPNews #Navratri pic.twitter.com/h3nQqToL2c
— Ankush Dobhal🇮🇳 (@DobhalAnkush) April 9, 2024
इन महाविद्याओं के चित्र मशहूर चित्रकार सनत कुमार चटर्जी ने बनाए थे. इन महाविद्याओं के चित्र खरीदने के लिए जर्मनी स्कॉलर्स ने ब्लैंक चेक तक ऑफर कर दिया था, लेकिन बावजूद इसके सनत चटर्जी ने इन्हें आस्था का प्रतीक बताकर बेचने से इनकार कर दिया था.
विश्व शांति के लिए नतमस्तक हो गई थीं यूक्रेनी महिलाएं
मंदिर के मुख्य पुजारी मुक्ति चक्रवर्ती ने बताया कि यहां पूरे विश्व से भक्त नतमस्तक होने के लिए आते हैं. मां भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती है. पंडित मुक्ति चक्रवर्ती ने बताया कि जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की लड़ाई युद्ध की शुरुआत हुई, तब यूक्रेन की दो महिलाओं ने यहां रोते हुए मां काली से विश्व शांति का आह्वान किया था. उन्होंने कहा कि मां सब की मनोकामना पूर्ण करती हैं.
महाविद्याओं के चित्र बेचने के लिए मिला ब्लैंक चेक
शिमला का कालीबाड़ी मंदिर माल रोड के नजदीक है. यहां माता श्यामला का साक्षात वास है. श्यामला माता के नाम पर ही पहले शिमला और फिर नाम शिमला हुआ था. एक बार जर्मनी से आए विद्वानों ने सनत कुमार चटर्जी को ऑयल पेंट से बने इन महाविद्याओं के चित्र के बदले ब्लैंक चेक ऑफर किया. इस ब्लैंक चेक को सनत चटर्जी ने यह कहते हुए ठुकरा दिया था कि महाविद्याओं के चित्र उनके लिए धन का नहीं बल्कि आस्था का विषय हैं.
इसके बाद ही संत कुमार चटर्जी ने 10 महाविद्याओं के इन चित्रों को मशहूर कालीबाड़ी मंदिर को भेंट किया. सनत कुमार चटर्जी ने 10 महाविद्याओं के चित्रों में मां के अलग-अलग स्वरूपों को दर्शाया है. महाविद्या का अर्थ है ग्रेट नॉलेज सिस्टम. यह ऐसी विद्या है जिसमें सृष्टि का सार समाया हुआ है.
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