Himachal News: सात महीने पहले हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ. प्रदेश की के मुखिया की कुर्सी पर काबिज हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने इसे सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन करार दिया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू एक के बाद एक फैसले लेकर लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने अब फील्ड दौरों पर 'माननीयों' को मिलने वाले गार्ड ऑफ ऑनर पर रोक लगा दी है. यह रोक 15 सितंबर, 2023 तक जारी रहेगी. हालांकि 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इन आदेशों में छूट रहेगी. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह फैसला प्रदेश में आई आपदा के बाद वृहद स्तर पर चल रहे बचाव और राहत कार्य के मद्देनजर लिया है.


आपदा कार्यों में लग सकेंगे पुलिस जवान
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश में संचालित चल रहे राहत बचाव कार्य में पुलिस बल की तैनाती में वृद्धि को बल देते हुए इस संबंध में आदेश जारी किए हैं. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कर्मियों को गार्ड ऑफ ऑनर जैसे कार्यों में लगाने की वजह संकट के समय आपदा प्रभावितों को मदद पहुंचाने के लिए इस्तेमाल में लाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह फैसला आपदा के प्रभावों से निपटने के लिए प्रदेश के संसाधनों के सही उपयोग के उद्देश्य से लिया गया है. प्रदेश में चल रहे बचाव कार्य के दृष्टिगत पुलिस बल द्वारा प्रभावित लोगों को तुरंत सहायता पहुंचाना सुनिश्चित की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि गार्ड ऑफ ऑनर स्थगित करने से सरकार प्रदेश में आपदा से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य के संसाधनों और श्रम शक्ति का बेहतर इस्तेमाल कर सकेगी. इस फैसले से सरकार आपदा प्रभावितों को कठिन समय में मदद पहुंचा सकेगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में राहत और बचाव कार्य जारी है. प्रदेश सरकार आपदा से प्रभावित लोगों को हर जरूरी मदद पहुंचाने का काम कर रही है. गार्ड ऑफ ऑनर में लगने वाले पुलिस जवान भी अब वीआईपी मूवमेंट में काम हुआ कर जनहित के काम कर सकेंगे.


हिमाचल को बारिश से हुआ है भारी नुकसान
भारी बारिश की वजह से हिमाचल प्रदेश को 4414.95 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। इस में जल शक्ति विभाग को 1411.78.58 करोड़ रुपए, लोक निर्माण विभाग को 1261.89 करोड़ रुपए, बिजली विभाग को 1382.57 करोड़ रुपए, बागवानी विभाग को 75.27 करोड़ रुपए, शहरी विकास विभाग को 6.47 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. इसके अलावा भारी बारिश की वजह से अब तक 117 लोगों की जान जा चुकी है. प्रदेशभर में बारिश की वजह से 481 घर पूरी तरह तबाह हो गए, जबकि 3 हजार 863 को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा. बारिश के कारण 133 दुकानें और 1008 पशु घर तबाह हुए, जबकि 935 जानवरों को भी जान गवानी पड़ी. 24 जून से अब तक हिमाचल प्रदेश में 53 भूस्खलन और 41 अचानक बाढ़ आने की घटनाएं रिकॉर्ड की जा चुकी हैं.


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