Himachal Pradesh Free Electricity Subsidy: हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में अहम फैसला लिया. सरकार ने ऐसे घरेलू बिजली उपभोक्ताओं की सब्सिडी बंद करने का फैसला लिया है, जो आयकर देते हैं. मौजूदा वक्त में प्रदेश के घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलती है. इसके बाद बिजली इस्तेमाल करने पर उपभोक्ताओं को पूरा दिल देना होता है.
मंत्रिमंडल ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए शून्य बिजली बिल के प्रावधान को तर्कसंगत बनाने का दावा करते हुए सब्सिडी को ‘एक परिवार एक मीटर’ तक सीमित करने और बिजली कनेक्शन को राशन कार्ड से जोड़ने को भी मंजूरी दी है.
सभी आयकरदाताओं के लिए सब्सिडी खत्म
नए फैसले के मुताबिक, मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों सांसदों, पूर्व सांसदों, विधायकों, पूर्व विधायकों, बोर्ड के अध्यक्षों, सलाहकारों, ओएसडी, आईएएस, आईपीएस और एचएएस अधिकारियों के अलावा वन एवं न्यायिक अधिकारियों सहित राज्य सरकार, निगमों, बोर्डों के सभी प्रथम-द्वितीय श्रेणियों के कर्मचारियों, सभी श्रेणी-ए एवं श्रेणी-बी के ठेकेदारों के साथ सभी आयकरदाताओं के लिए सब्सिडी खत्म हो गई है.
बिजली सब्सिडी बंद करने पर क्या बोले CM सुक्खू?
इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का बयान आया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा- 'तत्कालीन जयराम सरकार ने बिजली फ्री की थी. यह बिजली साल 2022 के सातवें महीने में फ्री की गई थी. उस वक्त कहा गया कि प्रदेश को लूटना है, तो लूटिए. मैं प्रदेश को लूट रहा हूं और एक हजार संस्थान खोल दिए.'
सीएम सुक्खू बोले- 'उन्होंने यह कहा कि मैं सारा प्रदेश लूट रहा हूं. सिर्फ मुझे कुर्सी दे दो. मैंने कई बार कहा कि हम कुर्सी के लिए नहीं आए हैं. हम हिमाचल प्रदेश की जनता की सेवा करने के लिए आए हैं. हम सत्ता में सत्ता सुख के लिए नहीं आए, हम व्यवस्था परिवर्तन करने के लिए आए हैं'.
'गरीब हो रहा ज्यादा गरीब, धनवान हो रहे ज्यादा धनवान'
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू में आगे कहा- 'मुझे यह फैसले इसलिए करने पड़ रहे हैं, क्योंकि गरीब तो गरीब हो रह रहा है और धनवान बहुत अधिक धनवान बन रहे हैं. अगर हमने बिजली की सब्सिडी बंद की है, तो क्लास एक और क्लास दो के सरकारी ठेकेदार की बंद की है. उन्हें सब्सिडी की क्या जरूरत है. मैं इनकम टैक्स देता हूं, तो मुझे क्या जरूरत है. अगर मैं इनकम टैक्स देता हूं और मैं बिजली का बिल देता हूं, तो यह मेरे खर्चे में जुड़ेगा और इनकम टैक्स में रिबेट मिलेगी.
वह कम से कम सरकार को पैसा दे. बिजली बोर्ड कंगाल होने की स्थिति में है. बोर्ड को न जनता पैसा दे पा रही है और न ही सरकार. उसे भी तो मजबूत करना है और इस फैसले से मेरा मानना कि लोग यह समझते हैं. जो इनकम टैक्स दे सकते हैं.
मेरा इनकम टैक्स देने वालों से अनुरोध है कि वह खुद बिजली का बिल देने की बात करें'.
सरकार पर हमलावर है विपक्ष
वहीं, बिजली में घरेलू उपभोक्ताओं को मिल रही सब्सिडी में किए गए बदलाव को लेकर विपक्ष हमलावर है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस को वादाखिलाफी करने वाली सरकार करार दिया है. जयराम ठाकुर ने कहा कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की बात कही थी.
अब तक यह फ्री बिजली उपलब्ध नहीं करवाई गई है. इससे इतर सरकार अब बिजली सब्सिडी बंद करने में लगी हुई है. जयराम ठाकुर ने यह भी कहा कि बीते 18 महीने में कांग्रेस सरकार ने सिर्फ और सिर्फ संस्थान बंद करने का काम किया. प्रदेश में विकास पूरी तरह ठप हुआ है. सरकार कर्ज पर कर्ज लेकर अपना काम चल रही है.
Photo- टैक्स पेयर की बिजली सब्सिडी बंद करने पर CM सुक्खू का बयान (Ankush Dobhal)
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