Doctors NPA in Himachal: डॉक्टरों का NPA बंद होने से हर महीने होगा 20 हजार का नुकसान, स्वास्थ्य मंत्री बोले- 'मेरे पास नहीं...'
सरकारी नौकरी में आने वाले चिकित्सकों के नॉन प्रैक्टिस अलाउंस को बंद कर दिया गया है. वित्त विभाग से इसकी अधिसूचना जारी हो चुकी है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री को इस बारे में जानकारी ही नहीं है.
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NPA of Doctors in HP: सरकारी नौकरी में आने वाले चिकित्सकों को नान प्रैक्टिस अलाउंस (Non Practicing Allowance) न देने के सरकार के निर्णय से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा. इससे चिकित्सक को हर महीने करीब 20 हजार रुपये का वित्तीय नुकसान होगा. वित्त विभाग ने नए भर्ती होने वाले चिकित्सकों को मिलने वाला एनपीए बंद कर दिया है. स्वास्थ्य, आयुष, दंत चिकित्सक, चिकित्स शिक्षा और पशु चिकित्सकों को मिलने वाला एनपीए समाप्त करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है. वित्त विभाग के प्रधान सचिव मनीष गर्ग को और से जारी अधिसूचना में चार श्रेणी के चिकित्सकों को एनपीए सुविधा समाप्त करने की जानकारी दी है.
डॉक्टरों का NPA लाभ खत्म
इस समय जो चिकित्सक 60 हजार रुपये की बेसिक पर हैं, उन्हें बेसिक और एनपीए मिलाकर डीए का लाभ भी प्राप्त होता है. ऐसे में चिकित्सकों को 90 हजार रुपये से एक लाख रुपये से अधिक वेतन मिलता है. एनपीए खत्म होने पर नए भर्ती होने वाले डॉक्टरों को साधारण वेतन से ही संतुष्टि करनी होगी. हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ ने नॉन प्रैक्टिस अलाउंस बंद होने का कड़ा विरोध जताया है. संघ ने इस फैसले को व्यवहारिक करार दिया है.
स्वास्थ्य मंत्री को नहीं मामले की जानकारी
वहीं, जब शिमला में कार्यक्रम के बाद अनौपचारिक बातचीत के दौरान पत्रकारों ने हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनी राम शांडिल से इस बारे में सवाल पूछा, तो उन्होंने इस बात की जानकारी से इनकार किया. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उन्होंने केवल समाचारों के माध्यम से यह सब पढ़ा है. आधिकारिक तौर पर उनके पास इस तरह की कोई फाइल नहीं आई. इसके बाद उनके साथ मौजूद अधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री को बताया कि वित्त विभाग की ओर से इसकी अधिसूचना जारी की गई है. इस पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि वह इस पर पुनर्विचार करेंगे और डॉक्टरों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी. गौरतलब है कि पिछली कैबिनेट में इस बारे में चर्चा हुई थी, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री को इस बारे ने जानकारी नहीं है.
क्यों दिया जाता है NPA?
गौरतलब है कि सरकार की ओर से डॉक्टरों को बाहर प्रैक्टिस न करने के लिए बेसिक सैलरी का 20 फीसदी नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस के तौर पर दिया जाता है. पहले यह अलाउंस 30 फ़ीसदी हुआ करता था. समय के साथ पहले से 25 फ़ीसदी और इसके बाद 20 फ़ीसदी किया गया. अब नए डॉक्टरों पर लागू होने वाले नियम के तहत डॉक्टरों को नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस दिया ही नहीं जाएगा. ऐसे में नए डॉक्टरों के बीच इस फैसले को लेकर भारी रोष है.
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