Shimla News: कहा जाता है कि बूंद-बूंद से घड़ा भरता है. ऐसे ही छोटी-बड़ी बूंद से हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष- 2023 में अब तक 180 करोड़ रुपये की धनराशि जमा हो चुकी है. रविवार को राहत कोष में दान करने के लिए शिमला (Shimla) की दो नन्हीं बेटियां मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) के पास पहुंची. इन बेटियों ने अपना गुल्लक मुख्यमंत्री को सौंप दिया.


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को सौंपे गए इस गुल्लक में सातवीं क्लास में पढ़ने वाली अहाना वर्मा से 10 हजार 229 और दूसरी क्लास में पढ़ने वाली जिया वर्मा से 9 हजार 806 रुपये हासिल हुए हैं. दान भले ही छोटा हो, लेकिन मंशा बहुत बड़ी है. हिमाचल प्रदेश में आई आपदा की वजह से 8667.95 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है और 441 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. इस बीच न केवल अन्य राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश के लिए मदद का हाथ बढ़ा रही हैं, बल्कि प्रदेश के बच्चों के साथ बूढ़े-बुजुर्ग भी सरकार की मदद कर रहे हैं.


CM सुक्खू के मां भी कर चुकी हैं दान
हिमाचल प्रदेश में आई आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य के लिए सरकार को भारी-भरकम राशि की आवश्यकता है. इस बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खुद भी अपनी निजी खातों से 51 लाख रुपये की राशि मुख्यमंत्री आपदा राहत में दी है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की माता संसार देवी ने भी अपने निजी बचत से 50 हजार आपदा राहत कोष में दिए. मुख्यमंत्री ने इन दोनों बेटियों के इस अमूल्य योगदान की सराहना करते हुए कहा कि छोटे-छोटे बच्चे भी आपदा प्रभावित लोगों की तकलीफों को कम करने में अपना योगदान देकर इस नेक काम में बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन नन्हीं बेटियों का यह प्रयास हिमाचल के लोगों की संवेदनशीलता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि यह योगदान समस्त समाज के लिए अनुकरणीय और प्रेरणादायी है.


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