Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ वक्त से गुणात्मक शिक्षा का स्तर गिरा है. साक्षरता दर में दूसरे नंबर पर हिमाचल प्रदेश की गुणात्मक शिक्षा रैंकिंग 18 है. सोलन में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऐलान किया है कि अगले साल से अब अध्यापकों के साथ बच्चे भी एक्सपोजर विजिट पर विदेश जाएंगे. एक्सपोजर विजिट से स्कूली बच्चों को नए कांसेप्ट जानने और समझने का मौका मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि बच्चों की क्वालिटी एजुकेशन पर भी ध्यान दिया जा रहा है.


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने छात्र जीवन को याद करते हुए कहा- ‘मैं खुद सरकारी स्कूल में पढ़ा हूं. स्कूल में हम मैट पर बैठते थे. कभी-कभी अध्यापकों से डांट भी पड़ती थी. मैं कहना चाहता हूं कि घर के बाद बच्चे के विकास में स्कूल का महत्वपूर्ण योगदान है, लेकिन हमें सोचना होगा कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या कम क्यों हो रही है. मेरा गुणात्मक शिक्षा और बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान है. सरकार इस दिशा में कदम उठाए जा रही है'. 


गुणात्मक शिक्षा रैंकिंग में गिरावट पर सीएम ने जताई चिंता


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यस्तरीय खेल प्रतियोगिताओं के लिए सरकार ने डाइट मनी को 240 से बढ़ाकर 400 रुपये, जिला स्तर के लिए 300 रुपये और खंड स्तर के लिए 240 रुपये किया है. राज्य से बाहर खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को दी जाने वाली डाइट मनी को 500 रुपये किया गया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकारी स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा के लिए राज्य सरकार पिछले 20 महीने से कार्य कर रही है, ताकि युवा पीढ़ी का भविष्य बेहतर बनाया जा सके. उन्होंने हिमाचल प्रदेश की गुणात्मक शिक्षा रैंकिंग में गिरावट पर चिंता जताई.


राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल के बच्चों को मिलेंगी ये सुविधा


मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षा में व्यापक 'व्यवस्था परिवर्तन' कर रही है. सरकारी स्कूलों के छात्रों में आत्मविश्वास की कमी दूर करने की कोशिश जारी है. राज्य सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोल रही है. राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल में स्मार्ट क्लास रूम, ऑडियो-वीडियो विजुअल टीचिंग और खेल सुविधाएं होंगी.'


मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों को स्मार्ट यूनिफॉर्म चुनने का ऑप्शन दिया गया है. प्रदेश के शून्य छात्रों वाले 99 प्राथमिक स्कूलों को राज्य सरकार ने बंद कर दिया है. उन्होंने बताया कि पांच से कम छात्रों की संख्या वाले स्कूलों को मर्ज किया जा रहा है.


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