Shimla Centre for Science Learning and Creativity: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के शिमला के आनंदपुर (Anandpur) में सेंटर फॉर साइंस लर्निंग एंड क्रिएटिविटी का उद्घाटन हुआ. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने इस केंद्र का उद्घाटन किया. यह प्रदेश का दूसरा साइंस लर्निंग सेंटर है. इससे पहले पालमपुर (Palampur) में साइंस लर्निंग सेंटर के जरिए बच्चों को रोचक और रचनात्मक तरीके से साइंस की पढ़ाई करवाई जा रही है.


शिमला में भी केंद्र की शुरुआत हो चुकी है. यहां एक प्लेनेटोरियम भी बनाया जा रहा है, जिसका काम साल 2024 में पूरा होगा. इस दौरान सीएम सुक्खू ने कहा कि इस केंद्र की शुरुआत होने के साथ बच्चे रचनात्मक तरीके से साइंस की पढ़ाई कर सकेंगे. यहां 60 बच्चों के लिए हॉस्टल की भी सुविधा होगी.


साइंस के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा देश- सीएम सुक्खू


सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि एक वक्त था, जब घर पर लैंडलाइन फोन रखने वाले की खूब इज्जत की जाती थी. धीरे-धीरे साइंस के क्षेत्र में तेजी से बदलाव आया. उन्होंने कहा कि इसकी सोच देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की थी. उन्होंने ही सबसे पहले सुपर कंप्यूटर की बात की और उस वक्त कहा था कि 21वीं सदी आईटी की सदी होगी. उन्होंने कहा कि आज विश्व भर में भारतीयों का डंका बज रहा है. विश्व की बड़ी-बड़ी कंपनियों में भारतीय आगे बढ़कर काम कर रहे हैं.


बच्चों की प्रतिभा से प्रभावित सीएम


मुख्यमंत्री ने कहा कि साइंस के क्षेत्र में स्कूली बच्चों का ज्ञान काबिल-ए-तारीफ है. उन्होंने कहा कि बच्चे साइंस को रचनात्मक और रोचक तरीके से पढ़ रहे हैं. यह बेहद प्रशंसा का विषय है. उन्होंने कहा कि सरकार भी दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है. सीएम सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश को 10 साल में सबसे अमीर राज्य बनाने की प्रतिबद्धता को भी दोहराया.


महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की कही बात


हिमाचल के सीएम ने कहा कि साइंस के क्षेत्र में छात्राओं की भी अत्यधिक रुचि है. देश-विदेश को आगे बढ़ाने के लिए महिलाओं का योगदान बेहद जरूरी है. हिमाचल प्रदेश में आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं. उन्होंने कहा कि यह बेहद हर्ष का विषय है. सुक्खू ने कहा कि 73वें और 74वें संवैधानिक संशोधन के जरिए महिलाओं को चुनाव में रिजर्वेशन दिया गया. शुरुआत में यह बेहद मुश्किल था, लेकिन फिर धीरे-धीरे महिलाओं की राजनीति में भागीदारी बढ़ी. उन्होंने कहा कि आज महिलाओं के बिना समाज की उन्नति के बारे में सोचा नहीं जा सकता.