Himachal Shanan Project: हिमाचल प्रदेश सरकार शानन प्रोजेक्ट को वापस लेने के लिए कोशिशों को और ज्यादा तेज करने वाली है. साल 1925 में ब्रिटिश शासन के दौरान बने प्रोजेक्ट को सरकार जल्द से जल्द अधिग्रहण करना चाह रही है. 99 साल की लीज अवधि 2 मार्च को समाप्त हो चुकी है.


अब हिमाचल सरकार प्रोजेक्ट को पंजाब सरकार से वापस लेने के लिए कोशिश कर रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस संबंध में उच्चस्तरीय बैठक की. बैठक में राज्य सरकार शानन प्रोजेक्ट को वापस लेने के लिए कानूनी लड़ाई तेज करने का फैसला लिया. 


ब्रिटिश शासन के दौरान शानन जल विद्युत परियोजना का निर्माण किया गया था. साल 1925 में मंडी के तत्कालीन राजा जोगिन्द्र बहादुर और पंजाब के मुख्य अभियंता के बीच 99 सालों का लीज समझौता हुआ था. तब से इसका प्रशासनिक अधिकार पंजाब के पास है. इस साल 2 मार्च को लीज अवधि समाप्त हो गई है. हिमाचल सरकार का तर्क है कि शानन परियोजना हिमाचल प्रदेश के क्षेत्र अधिकार में है और पंजाब सरकार को हिमाचल को लौटा देना चाहिए. मौजूदा वक्त में शानन जल विद्युत परियोजना की क्षमता 110 मेगावाट है.


शानन प्रोजेक्ट वापस लेकर रहेगी सरकार- CM सुक्खू 


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता हिमाचल प्रदेश के लोगों का हित है. प्रदेश सरकार परियोजना से लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है. कानूनी कार्रवाई को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार परियोजना को हासिल करने के लिए मजबूत मामला तैयार कर रही है.


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस संबंध में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी मुलाकात कर चुके हैं. तत्कालीन ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से भी मुलाकात कर उन्होंने पक्ष रखा था. अब हिमाचल प्रदेश सरकार का पक्ष लगातार केंद्र सरकार के सामने भी रख रहे हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह विधानसभा में भी कह चुके हैं कि हिमाचल प्रदेश सरकार शानन प्रोजेक्ट को वापस लेकर रहेगी.


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