Himachal Pradesh News: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इन दिनों जिला मंडी के प्रवास पर हैं. शुक्रवार को उन्होंने जिला मंडी के जोगिंदरनगर स्थित 110 मेगावाट क्षमता वाले शानन पावर हाउस का दौरा किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि शानन परियोजना पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के तहत नहीं आती है. परियोजना को लेकर पंजाब सरकार की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर की गई है. इस बारे में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला सभी को मान्य होगा.


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जोगिंदरनगर में मीडिया से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा, "शानन प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी हासिल की है. दौरे का मुख्य उद्देश्य भी यही था. अभी इसका संचालन पंजाब सरकार के पास है. शानन परियोजना को लेकर पंजाब सरकार के साथ बातचीत और पत्राचार जारी है. पंजाब के पक्ष में परियोजना की लीज खत्म हो चुकी है. इसलिए पंजाब सरकार को चाहिए कि परियोजना हिमाचल के हवाले कर दे. परियोजना पर हिमाचल सरकार का अधिकार बनता है. पंजाब को छोटे भाई हिमाचल के हवाले कर देना चाहिए."


CM सुक्खू ने अधिकारियों से ली जानकारी


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने टरबाइन, अल्टरनेटर, एक्साइटर, कंट्रोल रूम सहित पावर हाउस के सभी सेक्शन का अवलोकन किया. उन्होंने अधिकारियों से बिजली उत्पादन संबंधित प्रक्रिया की जानकारी भी ली. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बरोट से पावर हाउस तक पानी लाने के लिए इस्तेमाल में लाई जा रही प्राचीन ट्रॉली को भी देखा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अधिकार को लेने के लिए कोशिश कर रही है.


बता दें कि ब्रिटिश शासनकाल के दौरान शानन जल विद्युत परियोजना का निर्माण किया गया था. साल 1925 में मंडी के तत्कालीन राजा जोगिन्द्र बहादुर और पंजाब के मुख्य अभियंता के बीच 99 सालों का लीज समझौता हुआ था. तब से इसका प्रशासनिक अधिकार पंजाब के पास है. इस साल 2 मार्च को लीज की अवधि समाप्त हो गई है. हिमाचल सरकार का तर्क है कि शानन परियोजना हिमाचल प्रदेश के क्षेत्र अधिकार में है और पंजाब सरकार को हिमाचल के हवाले कर देना चाहिए. मौजूदा वक्त में शानन जल विद्युत परियोजना की क्षमता 110 मेगावाट है.


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