Himachal में बने छह मुख्य संसदीय सचिव, CM सुखविंदर ने दिलवाई पद और गोपनीयता की शपथ
HP Cabinet Expansion: हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री सुखिविंदर सिंह ने मंत्रिमंडल विस्तार से पहले राज्य सचिवालय में छह विधायकों को मुख्य संसदीय सचिव पद की शपथ दिलाई.
HP Cabinet Expansion News: रविवार सुबह हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) मंत्रिमंडल विस्तार से पहले राज्य सचिवालय में छह विधायकों ने बतौर मुख्य संसदीय सचिव (Chief Parliamentary Secretaries) शपथ ली. सचिवालय में हुए इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह (CM Sukhwinder Singh Sukhu) पद की शपथ दिलवाई. कार्यक्रम का संचालन मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने किया. इस दौरान हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री भी मौजूद रहे.
हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय में कुल्लू के विधायक सुंदर ठाकुर, रोहड़ू के विधायक मोहन लाल ब्राक्टा, दून के विधायक राम कुमार, पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल, बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल और अर्की के विधायक संजय अवस्थी ने मुख्य संसदीय सचिव की शपथ ली.
क्या होते हैं मुख्य संसदीय सचिव?
संसदीय सचिव का पद वित्तीय लाभ का पद होता है. वह अपने काम में किसी भी मंत्री की मदद करता है जिससे वह जुड़ा होता है. बदले में उन्हें वेतन, कार और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाती हैं. संसदीय सचिव एक प्रकार से जिस मंत्री से वह जुड़े हुए हैं, उनके लगभग सभी कार्यों में उनकी सहायता करता है. इन मुख्य संसदीय सचिवों को विभागों का आवंटन किया जायेगा. इसके बाद यह मुख्य संसदीय सचिव यानी चीफ पार्लियामेंट्री सेक्रेट्री विभाग में मंत्रियों की मदद करेंगे.
विधायकों को एडजस्ट करने की कवायद
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) और आलाकमान के सामने विधायकों को एडजेस्ट करने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई थी. सभी विधायकों को मंत्री पद नहीं दिया जा सकता था. ऐसे में सरकार ने मुख्य संसदीय सचिव बनाकर ज्यादा से ज्यादा विधायकों को एडजस्ट करने की कोशिश की है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने छह विधायकों को मुख्य संसदीय सचिव की शपथ दिलाकर समीकरण साधने की कोशिश की है.
इन जिलों को मिला प्रतिनिधित्व
मुख्य संसदीय सचिवों में कांगड़ा से दो, सोलन से दो, कुल्लू से एक और शिमला से भी एक विधायक को मुख्य संसदीय सचिव की शपथ दिलवाई है. मुख्य संसदीय सचिव के पद की पद की शपथ लेने वाले विधायकों में अधिकतर सभी विधायक मुख्यमंत्री के गुट के ही हैं. अब मुख्य संसदीय सचिव का पद पाने वाले यह विधायक कैबिनेट मंत्रियों की विभाग के काम में मदद करेंगे.