Himachal Forest Department: हिमाचल प्रदेश के जंगलों में करीब 86 हजार 674 सूखे और क्षतिग्रस्त पेड़ हैं. इनसे करीब 64 हजार क्यूबिक मीटर इमारती लकड़ी का उत्पादन किया जा सकता है. वन भूमि पर इन पेड़ों के समय पर निपटारे से सरकार हर महीने करोड़ों रुपए की कमाई कर सकती है. हिमाचल प्रदेश सरकार (Himachal Pradesh Government) ने अब इस दिशा में भी कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह (CM Sukhwinder Singh Sukhu) सुक्खू ने वन विभाग और हिमाचल राज्य वन विकास निगम की समीक्षा बैठक के दौरान राज्य के लिए राजस्व (Himachal Pradesh Revenue) अर्जित करने की दिशा में सूखे पेड़ों को समय से काटने की जरूरत पर जोर दिया.


जंगल की लकड़ी से होगी कमाई 
चूंकि कुछ वक्त बाद ये पेड़ स्वयं नष्ट हो जाते हैं. ऐसे में इन पेड़ों को चिन्हित कर निपटारा करना बेहद जरूरी है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को इसके लिए एसओपी तैयार करने के निर्देश जारी किए. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इमारती लकड़ी की ऑनलाइन बिक्री (Online Sale of Forest Wood) के लिए एक वेबसाइट तैयार की जाएगी, जिससे हिमाचल प्रदेश सरकार अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकेगी. उन्होंने इस दिशा में व्यवस्थित प्रयासों से इमारती लकड़ी को प्रदेश के राजस्व का एक मूल्यवान स्रोत बनाने की दिशा में काम करने के निर्देश दिए हैं.


पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि समय पर सूखे पेड़ों की निकासी न होने से हिमाचल प्रदेश को राजस्व का नुकसान हो रहा है. मुख्यमंत्री ने सूखे पेड़ों के समय पर निकासी के लिए वन विभाग और वन विकास निगम को आपसी सामंजस्य स्थापित कर काम करने के निर्देश भी दिए हैं. उन्होंने वन विभाग को राज्य के निचले हिस्सों के कुछ क्षेत्रों में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर शीघ्र निपटारे के लिए पेड़ों को चिन्हित करने गिराने और 50 पेड़ों की सीमा के साथ लॉग (Wooden Log) भी परिवर्तित करने के अधिकार का सुझाव भी दिया. मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम में कर्मचारियों के युक्तिकरण की जरूरत पर बल दिया. साथ ही उन्हें आश्वासन भी दिया कि राज्य सरकार उचित उपाय करके कर्मचारियों के हर मुद्दे का समाधान करेगी.


आय बढ़ाने की दिशा में काम कर रही सरकार
हिमाचल प्रदेश में हुए करीब छह महीने पहले सत्ता परिवर्तन के बाद से लगातार मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश का राजस्व बढ़ाने की दिशा में काम करने की बात कह रहे हैं. हिमाचल प्रदेश पर मौजूदा वक्त में 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है. हाल ही में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार पर हिमाचल पर प्रतिबंध लगाने के आरोप भी लगाए. इस बीच हिमाचल प्रदेश सरकार लगातार आय बढ़ाने की दिशा में काम करती हुई नजर आ रही है. अब जंगलों में बर्बाद हो रही सूखी लकड़ी भी सरकार को राजस्व दे सकती है. इससे पहले नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने भी मुख्यमंत्री से मिलकर शहर के जंगलों के अधिकार नगर निगम को देने की बात कही थी.


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