Ambedkar Jayanti 2023: संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती आज, CM सुक्खू ने बाबा साहेब को किया याद
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की आज 132वीं जयंती मनाई जा रही है. इस मौके पर शिमला में भी कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. सीएम सुक्खू ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
Himachal News: देश भर में आज संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती के मौके पर उन्हें याद किया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश में भी बाबा साहेब की जयंती के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. राजधानी शिमला के अंबेडकर चौक पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इस दौरान उनके साथ शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, स्थानीय विधायक हरीश जनारथा और पूर्व महापौर सोहनलाल भी मौजूद रहे. इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केक काटकर बाबा साहेब की जयंती मनाई.
CM सुक्खू ने बाबा साहेब को किया याद
इस मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि संविधान बनाने वाले बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर आज पूरा देश उन्हें याद कर रहा है. उन्होंने कहा कि जब 75 साल पहले देश आजाद हुआ, तब संविधान बनाने की जिम्मेदारी बाबा साहेब को सौंपी गई. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने अपने अनुभवों के आधार पर समाज को एक दृष्टिकोण से देखा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि एक समय था, जब डॉ. भीमराव अंबेडकर को मुंबई के कॉलेज में दाखिला तक लेने से मना कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद बाबा साहेब ने अपना लोहा देशभर में बनवाया. उन्होंने कहा कि आज देश के आजादी के इतने साल बाद भी संविधान के बलबूते देश तेजी से आगे बढ़ रहा है.
काजा में राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन
इसके अलावा हिमाचल दिवस पर कल होने वाला राज्यस्तरीय कार्यक्रम में से बाहर काजा में होने जा रहा है. यह कार्यक्रम चीन बॉर्डर से कुछ दूरी पर होगा. यह पहली बार है, जब हिमाचल दिवस का राज्यस्तरीय कार्यक्रम काजा में मनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार हर क्षेत्र के समान विकास के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि प्रदेश भले ही आर्थिक बदहाली से गुजर रहा हो, लेकिन प्रदेश के किसी भी हिस्से में विकास में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी.
यह भी पढ़ें: Churdhar Yatra 2023: आज से शुरू हुई चूड़धार यात्रा, 11,965 फीट की ऊंचाई पर महादेव हरते हैं भक्तों के दुःख