कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में पार्टी की पूरी इकाई को भंग कर दिया है. हिमाचल प्रदेश की राज्य कमेटी, सभी जिला कमेटी और सभी ब्लॉक कमेटी भंग की गई है. हालांकि प्रतिभा सिंह फिलहाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर बनी रहेंगी. इस फ़ैसले को हिमाचल कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी से जोड़ कर देखा जा रहा है.


प्रतिभा सिंह ने पार्टी अध्यक्ष खरगे को लिखी थी चिट्ठी- सूत्र


हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के करीबी सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने ही पार्टी नेतृत्व से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नए सिरे से पुनर्गठन के लिए मौजूदा कमेटी को भंग करने का अनुरोध किया था. इसको लेकर 28 अक्तूबर को प्रतिभा सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष खरगे को चिट्ठी लिखी थी. इसपर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के भी हस्ताक्षर हैं. 


क्या खत्म होगी हिमाचल कांग्रेस की गुटबाजी?


बहरहाल जहां एक तरफ़ आलाकमान के फैसले को प्रतिभा सिंह के करीबी अपनी मांग के मुताबिक बता रहे हैं, वहीं सुक्खू गुट और अग्निहोत्री गुट अपने खेमे के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की क़वायद में जुटे हुए हैं. देखना है कि आने वाले दिनों में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में गुटबाज़ी बढ़ती है या कम होती है.


बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा. पार्टी को राज्य की चार लोकसभा सीटों में एक भी सीट पर जीत नहीं मिली. बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया. मंडी सीट पर कांग्रेस ने प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को चुनावी मैदान में उतारा था. उनका मुकाबला बीजेपी की उम्मीदवार कंगना रनौत से था. कंगना जीत गईं.


इससे पहले फरवरी में हिमाचल में हुए राज्यसभा उपचुनाव में बहुमत के बाद भी कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा था. राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट पर कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को मैदान में उतारा था. बीजेपी के हर्ष महाजन ने उन्हें हरा दिया. कांग्रेस के कुछ विधायकों ने बीजेपी के पक्ष में मतदान किया और बाजी पलट गई.


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