Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में अब स्ट्रीट वेंडर्स को अपना नाम और पहचान पत्र लगाना पड़ सकता है. मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस संबंध में ऐलान किया है. इसको लेकर कांग्रेस के भीतर ही विवाद शुरू हो गया है.
इसके बाद हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य ने जो कहा है, वह इसलिए है ताकि वैध दुकानें और रेहड़ी-पटरी वाले बैठ सकें. हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष ने एक कमेटी बनाई है और सभी दल के लोग उस कमेटी में हैं. रेहड़ी-पटरी वालों को सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराने और उन्हें नियमित करने के लिए लाइसेंस दिए जाएंगे.
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने आगे कहा, ''हिमाचल सरकार के इस आदेश की उत्तर प्रदेश के आदेश से तुलना करने का कोई मतलब नहीं है. ऐसा नहीं है कि उनकी फोटो लगाकर सामने रखा जाएगा कि ये किसकी दुकान है. उनको सिर्फ उस जगह के लाइसेंस वितरीत किए जाएंगे सिर्फ इतना ही है. मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है.''
क्या बोले मंत्री विक्रमादित्य सिंह?
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हमने यूडी और नगर निगम के साथ बैठक की थी. उसमें ये फैसला लिया गया है कि जितने भी स्ट्रीट वेंडर्स है जो कोई या सामान या कोई खाने-पीने की चीजें बेच रहे हैं. उनपर दोनों तरीके से हाइजीनिक रूप से ध्यान जा रहा है या नहीं, वो अच्छी हाइजीनिक चीजें बेचे इसपर फूड सप्लाई विभाग के कर्मचारी ध्यान रखेंगे. इसके ऊपर लोगों ने बहुत सारी चिंताएं और आशंकाएं व्यक्त की थी. इसको हमने समझते हुए जिस तरीके से उत्तर प्रदेश में रेहड़ी-पटरी वालों के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि उनको अपना नाम-आईडी लगानी होगी.
उन्होंने आगे कहा, ''हमने भी इसे अपने यहां पूरी मजबूती से लागू करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि जो भी अपनी दुकान और रेहड़ी-फड़ी चला रहा है उसे अपना क्लियर एडिफिकेशन करना होगा. वैसे भी स्ट्रीट वेंडिंग कमेटी बन चुकी है जिसकी तरफ से आईडी दी जाएगी वो उनको लगाना होगा. ताकि कोई भी समस्या आती है तो पारदर्शिता से इसपर कार्रवाई करवाई जा सके.''
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