Shimla Mosque Row: शिमला में संजौली मस्जिद विवाद बढ़ता जा रहा है. इस बीच कांग्रेस का आलाकमान सुक्खू सरकार से नाराज़ नजर आने लगा है. कांग्रेस सूत्रों का मानना है कि सरकार की मिस-हैंडलिंग से बीजेपी को मौका मिल गया है. वहीं, सीएम सुक्खू ने हालत सामान्य बनाने को लेकर उचित कदम उठाने का भरोसा दिया. 


मस्जिद विवाद मामले में प्रभारी राजीव शुक्ला ने रिपोर्ट सौंप दी है और बयानबाज़ी करने वाले मंत्रियों ने भी अपनी सफ़ाई दी है. जानकारी के लिए बता दें कि बीते दिनों प्रदेश के पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने सदन में संजौली मस्जिद का मुद्दा उठाया और विवादित बयान देते हुए यह कह दिया कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या की राज्य में घुसपैठ बढ़ रही है. उनके इस बयान पर कई असदुद्दीन ओवैसी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने नाराजगी जताई थी. 


अनिरुद्ध सिंह ने दावा किया था कि संजौली मस्जिद सरकारी जमीन पर बनी है. उन्होंने यह भी कह दिया कि बाहर से आ रहे लोग शिमला का माहौल खराब कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने रोहिंग्या और लव जिहाद का जिक्र किया.


कहां से शुरू हुआ संजौली मस्जिद विवाद?
गौरतलब है कि शिमला के संजौली में मस्जिद विवाद एक लड़ाई से शुरू हुआ था. मल्याणा क्षेत्र में एक हिन्दू व्यक्ति के साथ 6 लोगों ने मारपीट की वारदात को अंजाम दिया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. पीड़ित ने थाने में केस दर्ज कराया और तहरीर में बताया कि आरोपी मस्जिद में जाकर छुप गए हैं. जब हिन्दू संगठनों तक ये बात पहुंची तो मस्जिद के अवैध होने का दावा कर प्रदर्शन शुरू कर दिया गया और मस्जिद गिराने की मांग उठी. इसके कुछ समय बाद ही प्रदर्शन आक्रोश में तब्दील हो गया.


 


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