Himachal Politics: सुक्खू सरकार के लिए खड़ी हुई नई परेशानी, जानें क्यों कांग्रेस विधायक ने की विशेष सत्र बुलाने की मांग?
Shimla: पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने आपदा को देखते हुए विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. शर्मा ने कहा, भारी बारिश के कारण आई आपदा को ध्यान में रखते हुए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए.
Himachal Pradesh Monsoon Session: हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों हुई बारिश की वजह से प्रदेश सरकार का भारी नुकसान हुआ है. हिमाचल प्रदेश सरकार को अब तक छह हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. बकौल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) हिमाचल प्रदेश का नुकसान आठ हजार करोड़ रुपये के बाहर होने की संभावना है. मुख्यमंत्री इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात कर चुके हैं. इस बीच कांग्रेस के अपने ही विधायक सुधीर शर्मा ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है.
कांग्रेस विधायक ने उठाई विशेष सत्र बुलाने की मांग
तत्कालीन वीरभद्र सरकार में शहरी विकास मंत्री रहे सुधीर शर्मा ने सोशल मीडिया पर विशेष सत्र बुलाने की मांग उठाई. इस पर यूजर्स की अलग-अलग टिप्पणियां भी मिल रही हैं. यूजर्स भी विधायक सुधीर शर्मा की इस मांग का समर्थन कर रहे हैं. यही नहीं कुछ समर्थक तो सुधीर शर्मा के मंत्री न बनाए जाने की नाराजगी भी इसी पोस्ट पर जाहिर कर रहे हैं. अमूमन हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र दूसरे हफ्ते में बुला लिया जाता है, लेकिन इस बार सत्र के देरी से शुरू होने की संभावना है. प्रदेश सरकार का मत है कि फिलहाल सरकार अपना पूरा ध्यान आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने के पर केंद्रित करना चाहती है.
धर्मशाला के पूर्व विधायक सुधीर शर्मा ने आपदा को ध्यान में रखते हुए विशेष विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है. @sudhirhp #himachalpradesh pic.twitter.com/AC2oAv7m65
— Ankush Dobhal🇮🇳 (@DobhalAnkush) August 7, 2023
सरकार की परेशानी बढ़ाने वाली है विशेष सत्र की मांग?
इस सब के बीच अपने ही विधायक की ओर से विशेष सत्र की मांग उठाई जाना सरकार की परेशानी बढ़ाने वाला है. हालांकि, सरकार विधायक सुधीर शर्मा के कहने पर सत्र को बुलाएगी या नहीं, इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है. नियमों के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में ही सत्र बुलाए जाने के लिए राज्यपाल को अनुशंसा भेजी जाती है. राज्यपाल की अनुमति मिलने के बाद ही विशेष सत्र या फिर सामान्य सत्र का आयोजन किया जा सकता है.
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