Elections Result 2023: हिमाचल छोड़ हिंदी बेल्ट से कांग्रेस साफ, अब I.N.D.I.A गठबंधन में भी घटेगा असर?
Assembly Elections Result 2023: कांग्रेस नेता ने कहा है कि हिंदी पट्टी में सफाये के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले की राह आसान नहीं होगी. इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे की बातचीत पर असर पड़ेगा
Himachal Pradesh News: आक्रामक अभियान चलाने के बावजूद कांग्रेस (Congress) राजस्थान (Rajasthan), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) और मध्य प्रदेश (MP) में हार गई और इसके साथ ही 2024 के महत्वपूर्ण लोकसभा चुनावों से हिमाचल प्रदेश को छोड़कर पार्टी का मुख्य हिंदी बेल्ट में लगभग सफाया हो गया है. इस बड़े झटके ने लोकसभा चुनाव के लिए अधिक सीटों की सौदेबाजी के लिए भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A) में भी कांग्रेस को झटका दिया है. पार्टी के एक नेता ने, जो अभी तक तीन राज्यों में हार के सदमे से उबर नहीं पाए हैं, नाम न छापने की शर्त पर कहा कि नतीजे हमारे लिए "बहुत बड़ा झटका" हैं.
पार्टी नेता ने कहा कि पार्टी को उम्मीद थी कि वह छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार बनाएगी, जहां उसे पिछले पांच वर्षों में कोई समस्या नहीं हुई और न ही कोई सत्ता विरोधी लहर दिखी और न ही पार्टी नेतृत्व के पास कोई रिपोर्ट आई. मध्य प्रदेश के नतीजों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने ने कहा कि राहुल गांधी ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि राज्य की रिपोर्ट के आधार पर हमें राज्य में 150 सीटें मिलेंगी. उन्होंने कहा, "हालांकि, चीजें हमारे अनुरूप नहीं रहीं और हम इस चुनाव में बहुत कम सीटों पर सिमट गए, जो काफी आश्चर्यजनक है."
'वरिष्ठ कांग्रेस नेता नहीं आए साथ'
कांग्रेस नेता ने बताया कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में सफलता का स्वाद न चख पाने का मुख्य कारण यह था कि पार्टी के रणनीतिकार सुनील कनुगोलू और उनकी टीम को कमल नाथ और अशोक गहलोत जैसे नेताओं की ओर से खुली छूट नहीं दी गई थी. पार्टी नेता ने कहा, "हालांकि, उन्हें तेलंगाना में पार्टी को उचित रिपोर्ट देने और अभियानों के लिए तरीके सुझाने की पूरी आजादी थी और राज्य नेतृत्व उनसे सहमत था और उन्हें आवश्यक सभी मदद दी." उन्होंने कहा, यहां तक कि राज्य नेतृत्व ने कनुगोलू की टीम की तरफ से किए गए आंतरिक सर्वेक्षणों पर कार्रवाई की, जो कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में नहीं था, जहां वरिष्ठ कांग्रेस नेता उनके साथ नहीं आए, जिसके कारण मूड अनुकूल होने के बावजूद इतनी बड़ी हार हुई.
पार्टी नेता ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि राजस्थान में कनुगोलू की टीम के बीच मतभेद तब सामने आए, जब उन्होंने पार्टी के आंतरिक सर्वेक्षण में सुझाव दिया कि कई मौजूदा विधायक और मंत्री रेगिस्तानी राज्य में जीत नहीं पाएंगे. हालांकि, पार्टी नेता ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी रणनीति टीम डिजाइनबॉक्स्ड द्वारा किए गए सर्वेक्षणों के आधार पर अपने विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर से इनकार किया है. उन्होंने कहा, “यही वह जगह है जहां अंतर है. कनुगोलू की टीम की ओर से तैयार किया गया सर्वेक्षण एक ईमानदार सर्वेक्षण था जिसने समस्याओं को उजागर किया था, जिसे नजरअंदाज कर दिया गया.”
'लोकसभा चुनाव से पहले की राह नहीं होगी आसान'
कांग्रेस नेता ने कहा कि अब हिंदी पट्टी में पूरी तरह से सफाये के बाद 2024 के महत्वपूर्ण लोकसभा चुनाव से पहले की राह आसान नहीं होगी. उन्होंने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि विधानसभा चुनावों के मद्देनजर रोकी गई 'इंडिया' गठबंधन के सीट बंटवारे की बातचीत का असर उसी पर पड़ेगा, क्योंकि हिंदी भाषी क्षेत्र में कोई उपस्थिति नहीं होने या बहुत कम उपस्थिति का हवाला देकर अन्य दलों से कड़ी सौदेबाजी करने की स्थिति में वह नहीं होगी. कांग्रेस को छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सत्ता में वापसी की उम्मीद थी और मध्य प्रदेश में भी बीजेपी से सत्ता छीनने की उम्मीद थी.
उन्होंने कहा, "लेकिन नतीजे उम्मीद से बिल्कुल अलग आए हैं. यह हमारे लिए कठिन समय है, लेकिन हम 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए कुछ तरीके ढूंढेंगे." कांग्रेस पिछले साल पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में हार गई थी. बिहार में कांग्रेस राजद और जदयू के महागठबंधन का हिस्सा है और झारखंड में कांग्रेस झामुमो के साथ गठबंधन सरकार का हिस्सा है.