Himachal Pradesh Disaster: गुरुवार (1 अगस्त) सुबह जिला शिमला और जिला कुल्लू की सीमा पर समेज गांव में बादल फटा. बादल फटने की घटना के बाद यहां 33 लोग लापता हैं. तीन दिन बीत जाने के बाद अब भी यहां लापता लोगों का पता कोई सुराग नहीं मिला है. 


बादल फटने से पहले जहां एक खूबसूरत गांव था, वहां आज जगह-जगह सिर्फ मिट्टी के ढेर ही नजर आ रहे हैं. यहां हर निगाह सिर्फ अपनों की ही तलाश कर रही है. सुबह यहां रौशनी तो आ रही है, लेकिन दुःख का अंधेरा छंट नहीं रहा है. लंबा वक्त बीत जाने के बाद अब यहां किसी के भी जीवित मिलने की संभावना लगभग खत्म हो चुकी है.


ढाई घंटे तक शिमला के DC-SP ने जाना प्रभावितों का दर्द
शनिवार को यहां प्रभावित लोगों का दर्द समझने के लिए शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप और पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने लोगों के साथ ढाई घंटे तक बात की. दोनों अधिकारियों ने जमीन पर बैठकर लोगों का दर्द बांटा और वास्तव में वह काम किया, जो अधिकारियों को करना चाहिए. प्रभावित लोगों के साथ यह पूरी बातचीत रील और वीडियो वाली बातचीत से दूर लोगों तक मदद पहुंचाने के लिए की गई. जिला शिमला उपयुक्त अनुपम कश्यप ने लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से प्रभावितों तक मदद पहुंचाने के जो निर्देश दिए गए हैं, उनका सख्ती से पालन होगा.


बादल फटने के बाद 33 लोग लापता
बता दें कि जिला शिमला और जिला कुल्लू की सीमा पर समेज गांव में बादल फटने के बाद 33 लोग लापता हैं. यहां अब तक एक भी व्यक्ति का सुराग नहीं मिल सका है. गुरुवार सुबह से ही लगातार यहां सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है, लेकिन अब तक सर्च टीम के हाथ कोई सफलता नहीं लगी है.


जिला शिमला के समेज में एनडीआरएफ के 67, होमगार्ड के 69, आर्मी के 30 और सीआईएसएफ के 110 जवान लगाए गए हैं. इस तरह यहां कुल 301 लोग सर्च ऑपरेशन में लगे हुए हैं. यही नहीं, एनडीआरएफ के 33, एसडीआरएफ के 14, पुलिस के 10, होमगार्ड के 15 और वन विभाग के 12 जवानों को सतलुज नदी के आसपास सुन्नी तक सर्च ऑपरेशन में लगाया गया है. इस तरह 385 जवान समेज से लापता लोगों को ढूंढने में लगे हैं.


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