Shimla News: हिमाचल प्रदेश के जनजातीय लाहौल और स्पीति जिले के ऊंचे चारागाहों में पशुओं के बीमार और मौत होने से हड़कंप मच गया है. मिली जानकारी के अनुसार संक्रामक पशु रोग फैलने से कम से कम 60 भेड़ और बकरियों की मौत हो गई है, इसके अलावा लगभग 200 पशु बीमार हैं. इस बात की जानकारी अधिकारियों ने सोमवार को साझा की. 


PPR नामक बीमारी से प्रभावित हैं मवेशी
अधिकारियों ने बताया कि चंबा से लगती सीमा के हदसर इलाके में मवेशियों के तीन झुंड 'पेस्टे डेस पेटिट्स रूमिनेंट्स' (PPR) नामक बीमारी से प्रभावित पाए गए हैं, जिसे आम तौर पर 'भेड़-बकरियों का प्लेग' नाम से जाना जाता है. चार सदस्यीय टीम के साथ बीमार मवेशियों का इलाज कर रहे पशु चिकित्सक डॉ.अनुराग बताया कि इस बीमारी से प्रभावित मवेशियों में डायरिया और निमोनिया सामान्य लक्षण है जिससे मवेशी का फेफड़ा प्रभावित होता है.


नाक से पानी निकलना और सांस लेने में हो रही है दिक्कत
उन्होंने बताया कि इस बीमारी से संक्रमित पशु के नाक से पानी निकलता है और उसे सांस लेने में समस्या होती है, खासतौर पर ऊंचाई पर रहने वाले बीमार मवेशियों को ये समस्या ज्यादा होती है. डॉक्टर ने आगे बताया कि बीमार भेड़ और बकरियों का इलाज करने और उनके मालिकों को मेडिकल किट देने के साथ पशु चिकित्सकों की टीम चरवाहों को बीमारी, उसके लक्षण और एहतियाती उपायों को लेकर जागरूक भी कर रही हैं.


 60 से अधिक मवेशियों की मौत जबकि 200 बीमार
केलांग पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ.अमिताभ ठाकुर ने बताया कि विभाग ने शुक्रवार को चिकित्सा दल का गठन किया और उसे गद्दी चरवाहों से संपर्क कर उनके बीमार मवेशियों के इलाज के लिए भेजा. ठाकुर ने कहा की चिकित्सा सहायता के साथ ऊंचे इलाकों तक पहुंचना एक कठिन काम था क्योंकि टीम को घने जंगलों, नालों से होकर गुजरना पड़ा और जंगली जानवरों के हमले का खतरा भी था. उन्होंने कहा कि विभाग के इस कदम से चरवाहों का आत्मविश्वास बढ़ा है जो अब चिंतामुक्त महसूस कर रहे हैं.