(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Himachal: नशा कारोबारियों पर एक्शन की तैयारी में सरकार, डिप्टी सीएम बोले- 'किसी भी माफिया को न बचाएं विधायक'
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने गैंग बनाकर नशे का कारोबार करने वालों को उम्र कैद की सजा और नशे के कारोबार से अधिक संपत्ति को ज़ब्त करने का प्रावधान करने की केंद्र सरकार से सिफारिश की है.
Shimla News: हिमाचल प्रदेश में युवाओं के बीच ड्रग्स (Drug) की समस्या लगातार बढ़ती चली जा रही है. ऐसे में प्रदेश सरकार ने नशा माफिया की कमर तोड़ने के लिए तैयारियां पूरी कर ली है. बीते 3 महीने में ही एनडीपीएस एक्ट के तहत 530 मामलों में 728 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से 182 मामलों में 238 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल किए जा चुके हैं, जबकि अन्य मामलों में जांच चल रही है.
हिमाचल प्रदेश में नशा माफियाओं के खिलाफ सरकार ने युद्ध स्तर पर अभियान छेड़ा हुआ है. हिमाचल प्रदेश सरकार ने एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 में संशोधन करने और कानून को सख्त बनाने के लिए संकल्प पारित किया. यह संकल्प केंद्र सरकार को भेजा गया है. इस संकल्प में नशे का कारोबार कर रहे माफियाओं के लिए अपराध को गैर जमानती बनाने का आह्वान किया गया है. इस संबंध में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा में संकल्प पेश किया.
एनडीपीएस 1985 में संशोधन की सिफारिश
इस संकल्प में प्रदेश को नशा मुक्त बनाने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का फैसला लिया गया है. संकल्प में केंद्र सरकार से सिफारिश की गई है कि नशीले पदार्थों के नियंत्रण से संबंधित सभी एजेंसियों को मजबूत करने के लिए संस्थागत ढांचे को मजबूत किया जाए. केंद्रीय अधिनियम एनडीपीएस 1985 में हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से प्रस्तावित संशोधनों को भी शामिल करने की सिफारिश की गई है. उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री नशीले पदार्थों के कारोबार को गैर जमानती बनाने की सिफारिश की है. वहीं, ऐसा करने वालों को कम से कम 10 से 20 साल और न्यूनतम 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने की सिफारिश की गई है. मुकेश अग्निहोत्री ने गैंग बनाकर नशे का कारोबार करने वालों को उम्र कैद की सजा और नशे के कारोबार से अधिक संपत्ति को ज़ब्त करने का प्रावधान करने की सिफारिश की है.
'विधायकों से अनुरोध किसी भी माफिया को बचाएं न'
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को जरूरत है कि इस कानून को कड़ा किया जाए. उन्होंने कहा कि नशा कारोबार में अंतरराष्ट्रीय स्तर के लोग जुड़े हुए हैं. विदेश से भारत में नशा पहुंचता है और भारत से फिर इसे अलग-अलग प्रदेशों में पहुंचाने का काम हो रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जब तक इसमें कोई कदम उठाती है, तब तक हिमाचल प्रदेश में युद्ध स्तर पर नशा माफियाओं के खिलाफ अभियान जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि सभी विधायकों से भी अनुरोध किया गया है कि वह किसी भी माफिया को बचाने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल न करें. उन्होंने कहा कि सरकार नशे को खत्म करने के लिए जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सभी को नशा खत्म करने के लिए एक मंच पर आकर आगे बढ़ने की जरूरत है.