(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Himachal Pradesh: हिमाचल परिवहन निगम के बेड़े में शामिल हुईं 11 वॉल्वो बसें, DCM ने घाटे को लेकर भी कही बड़ी बात
HRTC Volvo Bus: हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शुक्रवार को कैथलीघाट से 11 नई वोल्वो बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. शिमला से मनाली के लिए वॉल्वो बस सेवा शुरू की गई हैं.
Himachal Road Transport Corporation: हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के बेड़े में 11 नई वॉल्वो बसें शामिल हो गई हैं. परिवहन विभाग का जिम्मा संभाल रहे उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) ने शुक्रवार को कैथलीघाट (Kaithlighat) से 11 नई वॉल्वो बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. एक वॉल्वो बस की कीमत करीब 1.25 करोड़ रुपये है. सरकार प्रदेश के अंदर और बाहर धार्मिक पर्यटन स्थलों के लिए लोगों को वॉल्वो बस सेवा देने जा रही है. सरकार हरिद्वार (Haridwar) के अलावा वृंदावन (Vrindavan) और खाटू श्याम जी (Khatu Shyam Ji) के लिए भी सीधी बस सेवा चलाने पर विचार कर रही है. शुक्रवार को शिमला (Shimla) से मनाली (Manali) के लिए दिन के समय वॉल्वो बस सेवा शुरू की गई हैं.
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि एचआरटीसी राजस्थान के जयपुर के लिए वॉल्वो बस सेवा शुरू करना चाहते हैं और सिक्योरिटी क्लीयरेंस के बाद श्रीनगर के लिए भी वॉल्वो बस सेवा शुरू होगी. इसके अलावा टापरी से चंडीगढ़, चिंतपूर्णी से दिल्ली के लिए भी बस सेवा शुरू करने जा रहें हैं. डिप्टी सीएम ने कहा कि धर्मशाला में 15 इलेक्ट्रिक बसें पहुंच गई हैं. जल्द ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. शिमला में 20 नई इलैक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी.
बसों की संख्या को बढ़ा रहा परिवहन निगम
इसके अलावा विभाग को 75 सिटी इलेक्ट्रिक बस खरीदने को भी मंजूरी मिल गई है. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वॉल्वो बस के बेड़े को एचआरटीसी बढ़ा रहा है. प्रदेश में अवैध रूप से चल रही वॉल्वो बसों पर नकेल कसने के लिए सरकार तमिलनाडु हाईकोर्ट के कानून को हिमाचल में लागू कर रही है. यहां अवैध वॉल्वो बस चलाने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा.
निगम को हर महीने करीब 79 करोड़ रुपये का घाटा
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि एचआरटीसी कोविड काल में एचआरटीसी काफी घाटे में चल रहा था, लेकिन अब धीरे-धीरे निगम पटरी पर लौट रहा है. निगम की मासिक आय 65 करोड़ रुपये है, जबकि खर्चा करीब 144 करोड़ रुपये है. घाटे को पूरा करने के लिए सरकार से मदद मिल रही है. इस बार एचआरटीसी कर्मचारियों को तनख्वाह देने में भी काफी देरी हुई है, जबकि पेंशनरों का मसला भी लंबित है. भविष्य में इस तरह न हो, इसके लिए एचआरटीसी मेकैनिज्म तैयार कर रहा है.
ये भी पढ़ें- Ambedkar Jayanti 2023: संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती आज, CM सुक्खू ने बाबा साहेब को किया याद